नए वर्ष पर कविता : आया नववर्ष
- अम्बरीष कुमार दुबे 'विनम्र'
आया नया वर्ष आया।
भेद-भाव को दूर भगाने।
सबके मन में प्रीत जगाने।
तोड़ मिथक भ्रम ईर्ष्या मन के।
नई चेतना भोर सुनहरी लाया।
पथरीले पथ सरल बनाने।
संघर्षों से ना घबराने।
यह संदेशा नववर्ष लाया।
नव उत्साह जगाने मन में।
आया नया वर्ष है आया।
साभार - देवपुत्र