मंगलवार, 16 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. साहित्य
  3. काव्य-संसार
  4. Hindi Poem

काव्य संसार : बातें मन की

काव्य संसार : बातें मन की - Hindi Poem
इम्प्लॉयमेंट एक्सचेंज के सामने खड़ा हुआ मैं
देखता हूं इसे मनकामेश्वर मंदिर की तरह
 

 
भीषण गर्मी और तपन में
शरीर आज बेहाल है।
आंखें थकी हुई हैं
प्रतीक्षा करते हुए
 
ऐसे में चिढ़ा रहा है मुझे
सामने लगा हुआ पार्टी का पोस्टर।
जो घोषणा कर रहा है रोजगार हर व्यक्ति को
 
मिमियाते-घिघियाते हुए मैं आगे बढ़ रहा हूं
सामने बैठा हुआ है 'निष्ठुर बाबू'
दिखाता हूं उसे 'दस' के इकलौते नोट को
देखता है वह मुझे ऐसे घूरकर
जैसे किया हो गंभीर अपमान उसका
शब्दों के इशारों में उसने मुझे समझाया
एक जीरो है तुमको और बढ़ाना
 
याद करता हूं उस दिवस को
जिस दिन दाखिला लिया था स्कूल में
कसम खाई थी एक ईमानदार ना‍गरिक बनने की
चप्पलें टूट गई हैं व्यवस्था से लड़ते
दफन हैं सब आदर्श इस भीड़तंत्र में
जो अब बन गया है भ्रष्टाचार का तंत्र
 
कमीशन पर्याय है कमीशनबाजी का
जीवन पर्याय है सौदेबाजी का
टूट जाता है यूं ही युवक लड़ते-लड़ते
जय-जयकार करते हुए भीड़तंत्र की। 
 
 
ये भी पढ़ें
हरेक बात पर कहते हो, घर छोड़ो