उजला उमंग भरा प्यार
फाल्गुनी
प्यार, प्रेम मोहब्बत कहने को कितने हैं शब्द और क्यों, महसूसने को कुछ भी नहीं। पुकारने के लिए ढेरों पर्यायवाची मगर क्यों मन को छू लेने का नाजुक अहसास नहीं बचा? रंगीन परिंदों का नाम लव बर्ड्स हमने रखा खुद उन्होंने नहीं उन्होंने तो बस प्यार किया, हमने उन्हें प्यार करते देखा और बस देखते रहें!नामकरण भी कर दिया पर सीखा क्यों नहीं कुछ भी। निस्वार्थ, निशब्द प्यार क्यों नहीं सीखा? उजला-उजला उमंग भरा प्यार इन परिंदों को आता है, हमें भी तो आता होगा ना?फिर क्यों नहीं कर पाते है कभी किसी से परिदों की तरह सच्चा और मासूम प्यार, क्यों नहीं मिलता हमें उन जैसा ही पवित्र और शीतल प्यार?