वापस खींचो सारे छुरे
असद जैदी
वापस खींचो सारे छुरेजो तुमने घोंपे थेहँसली के ऊपर गुर्दों के आसपासलौटाओ लोगों को मुर्दाघरों सेइमर्जेंसी वार्ड में जहाँ ड्यूटी पर लगेदो उनींदे डॉक्टर तुम्हारे किसी शिकार कोबचाने की कोशिश कर रहे हैंवे ऐसे तो उसे बचा नहीं पाएँगेखींचकर वापस लाओउन सब मरते हुए लोगों कोबिठाओ उन्हें उनकी बैठकों और काम करने की जगहों मेंसुनो उनसे उनके पसंदीदा मज़ाकजब उनमें से किसी की औरत चाय लेकर आएतो हस्बे-मामूल बोलो नमस्ते भाभीऔर कोई बच्चा-बच्ची झाँकते दिखाई दें तोबुलाओ और कहो देखो ये रहे तुम्हारे पापावापस लो अपनी चश्मदीद गवाहियाँजिनका तुमने रिहर्सल किया थाबताओ कि इबारत और दीद भयानक धोखा थींऔर याददाश्त एक घुलनशील ज़हरफिर से लिखो अपनासही सही नाम और कामउन समाचारों को फिर से लिखोजो अफ़वाहों और भ्रामक बातों से भरे थेकि कुछ भी अनायास और अचानक नहीं थादुर्घटना दरअसल योजना थीमत पोंछो हर जगह से अपनी उँगलियों के निशानछुड़ाओ अपने बालों से वह बेहूदा ख़िज़ाबफिर से बनाओ वही हथेलियाँजो पसीजती थीं एक मासूम पशुता सेऔर मनुष्यता के ताप से। साभार : पहल