हरी चाय हर बीमारी से बचाए
धूम्रपान के दुष्प्रभाव को कम करती है
अन्य देशों की तुलना में एशियाई देशों में धूम्रपान से होने वाली बीमारियों की दर कम है। इसकी वजह एशियाइयों द्वारा बड़े पैमाने पर चाय, खासकर हरी चाय का सेवन करना। चाय धूम्रपान के दुष्प्रभाव से बचाती है। चाय में कुछ ऐसे तत्व पाए जाते हैं,जो धूम्रपान करने वाले लोगों को कैंसर एवं दिल की बीमारियों से बचाते हैं। एशिया में चाय को प्रमुख पेय का दर्जा मिला हुआ है। सबसे अधिक खपत इस उत्पाद की एशिया में ही होती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के मुताबिक हर साल दुनिया में धूम्रपान संबंधी बीमारियों से करीब 40 लाख लोगों की मौत होती है और अगले 25 वर्षों में यह संख्या बढ़कर एक करोड़ हो जाएगी। 4
शोधकर्ताओं ने चाय के प्रभावों पर गहन शोध करने के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि एशिया में धूम्रपान करने वालों की भारी तादाद की तुलना में धूम्रपान से होने वाली बीमारियों का अनुपात कम होने की वजह है चाय की अधिक खपत। हरी चाय में ईजीसीजीप्रमुख शोधकर्ता बौअर सम्पियो और उनके सहयोगियों के मुताबिक कई एशियाई रोजाना अमूमन डेढ़ लीटर ग्रीन टी का सेवन करते हैं। हरी चाय में कई तरह के एंटी ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं जो दिल की बीमारियों और कैंसर से रक्षा करते हैं। हरी चाय में ईजीसीजी नामक एक ऐसा तत्व पाया जाता है जो रक्त में प्लेटेलेट की मात्रा को संतुलित रखता है। प्लेटेलेट के कारण ही रक्त में थक्का बनने की समस्या पैदा होती है। |
शोधकर्ताओं ने चाय के प्रभावों पर गहन शोध करने के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि एशिया में धूम्रपान करने वालों की भारी तादाद की तुलना में धूम्रपान से होने वाली बीमारियों का अनुपात कम होने की वजह है चाय की अधिक खपत। |
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यह तत्व लिपिड की मात्रा को भी संतुलित बनाए रखने में कारगर भूमिका निभाता है। इसके अलावा मांसपेशी कोशिकाओं पर भी सकारात्मक असर डालता है। इससे दिल की बीमारियों से प्रभावित होने का खतरा कम होता है। सम्पियो के मुताबिक कुछ रिपोर्टों से यह भी साबित हुआ है कि ईजीसीजी से कुछ खास तरह के ट्यूमर से भी बचा जा सकता है। चाय के सेवन से आँत की कार्य प्रक्रिया में भी सुधार होता है। इसके अलावा यह जिगर, यकृत पैनक्रियाज आदि को भी स्वस्थ बनाती है।