मंगलवार, 23 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. सेहत
  3. यूँ रहें स्वस्थ
  4. Night Shift May Causes Cancer
Written By WD

नाइट शिफ्ट करने से हो सकता है कैंसर

नाइट शिफ्ट करने से हो सकता है कैंसर - Night Shift May Causes Cancer
क्या आप दफ्तर में रात की शिफ्ट में काम करते हैं? अगर अपको जवाब हां में है, तो आपको अपनी सेहत के प्रति सचेत रहने की बेहद आवश्यकता है, क्योंकि इससे न केवल आप मानसिक रोग के शिकार हो सकते हैं बल्कि कैंसर जैसी बीमारी का खतरा भी आप पर मंडरा रहा है।

 
 
आईएएनएस की एक रिपोर्ट के अनुसार एक शोध में यह बात सामने आई है कि रात की शि‍फ्ट में काम करने वाले लोगों में गलत समय में सेक्स हार्मोन की अधि‍कता होती है, जो प्रमुख रूप से कैंसर का कारण बन सकती है।

नाइट शि‍फ्ट में काम करने वाले लोगों में अगर महिलाएं हैं तो उन्हें स्तन कैंसर का खतरा अधि‍क होता है। इस तरह की जीवनशैली प्रोटेस्ट कैंसर के खतरे को भी बढ़ा  देती है।
 
डेली मेल की एक रिपोर्ट के अनुसार स्पेन के बार्सिलोना में दिन की शि‍फ्ट में काम करने वाले 75 और रात की शि‍फ्ट में काम करने वाले 42 लोगों पर किए गए एक अध्यन में यह पाया गया, कि शरीर में गलत समय पर सेक्स हार्मोन एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरॉन की अधिकता हो जाती है।

यह कैंसर के लिए जिम्मेदार होती है। इस शोध में भाग लेने वालों का यूरिन टेस्ट भी किया गया था। इसके अलावा कैंसर एपिडेमियोलॉजी, बायोमार्कर एंड प्रीवेंशन' (सीईबीपी) पत्रिका में प्रकाशित हुए एक अध्ययन के अनुसार - "दिन की शिफ्ट में काम करने वालों की तुलना में नाइट शिफ्ट में काम करने वाले लोगों में प्रोजेस्टाॅजेंस तथा एंड्रोजेंस की अधिकता पाई गई वहीं एंड्रोजेन का निर्माण काफी देरी से हुआ।
 
 
इस शोध के दौरान नाइट शिफ्ट में काम करने वाले लोगों में सुबह 10 बजे से दोपहर दो बजे तक सेक्स हॉर्मोन जैसे टेस्टोस्टेरॉन की अधिकता पाई गई, जबकि इसका सही समय सुबह छह बजे से सुबह 10 बजे तक ही है। 
 
अध्ययन के मुताबिक, "नाइट शिफ्ट में काम करने वाले लोगों में अधिक तथा वेवक्त सेक्स हॉर्मोन का निर्माण हॉर्मोन से संबंधित कैंसर का कारण हो सकता है।" 

यह कैंसर के लिए जिम्मेदार होती है। इस शोध में भाग लेने वालों का यूरिन टेस्ट भी किया गया था। इसके अलावा कैंसर एपिडेमियोलॉजी, बायोमार्कर एंड प्रीवेंशन' (सीईबीपी) पत्रिका में प्रकाशित हुए एक अध्ययन के अनुसार - "दिन की शिफ्ट में काम करने वालों की तुलना में नाइट शिफ्ट में काम करने वाले लोगों में प्रोजेस्टाॅजेंस तथा एंड्रोजेंस की अधिकता पाई गई वहीं एंड्रोजेन का निर्माण काफी देरी से हुआ।
 
 
इस शोध के दौरान नाइट शिफ्ट में काम करने वाले लोगों में सुबह 10 बजे से दोपहर दो बजे तक सेक्स हॉर्मोन जैसे टेस्टोस्टेरॉन की अधिकता पाई गई, जबकि इसका सही समय सुबह छह बजे से सुबह 10 बजे तक ही है। 
 
अध्ययन के मुताबिक, "नाइट शिफ्ट में काम करने वाले लोगों में अधिक तथा वेवक्त सेक्स हॉर्मोन का निर्माण हॉर्मोन से संबंधित कैंसर का कारण हो सकता है।" 
ये भी पढ़ें
काव्य संसार : सोच कर लिखना कविता