गुरुवार, 25 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. सेहत
  3. यूँ रहें स्वस्थ
  4. Exam Tension and Symptoms
Written By WD

बच्चों को परीक्षा के तनाव से बचाएं, खूब ख्याल रखें

बच्चों को परीक्षा के तनाव से बचाएं, खूब ख्याल रखें - Exam Tension and Symptoms
महुआ 
 
अगर आपको लगातार सिर में दर्द है, खाना नहीं खा पा रहे है, सांस लेने में तकलीफ आदि की शिकायतें हो रही हैं तो उसे हल्के में न लें। मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि अभिभावकों को परीक्षा के दिनों में हो रहे मनोवैज्ञानिक लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। इससे पढ़ाई के साथ ही सेहत पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। 



परीक्षा का तनाव अगर छात्रों को परेशान कर रहा है तो उनसे बात करें। डॉक्टरों का कहना है कि इन दिनों विद्यार्थी स्कूल से ज्यादा घर में रहता है। परीक्षा का दबाव भी होता है। ऐसे में कई बार वह इसे बोल कर जाहिर नहीं कर पाता है। लेकिन अगर कोई शारीरिक परेशानी हो रही है तो अभिभावकों को उस पर ध्यान देना चाहिए। 


मनोवैज्ञानिक डॉ. पंकज कुमार ने बताया कि इन दिनों हर युवा परीक्षा और आगे करियर को लेकर परेशान है और रोजाना ऐसे मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं। अभिभावकों को चाहिए कि वह इन दिनों युवाओं में आ रहे बदलाव में ध्यान दें। अगर उनकी चिड़चिड़ाहट, याद न कर पाने की क्षमता, भूख न लगना, अधिक सोना, बेचैनी पर ध्यान नहीं दिया जाए तो परेशानी बढ़ सकती है। युवाओं में तनाव के शारीरिक लक्षण तो नजर आते हैं लेकिन यह सब मनोवैज्ञानिक कारण है। 

अस्पतालों में आ रहे अधिकांश मरीजों की शिकायत पढ़ाई और परीक्षा का तनाव है। प्रश्नपत्र कैसा आएगा, तैयारी में मन नहीं लग रहा, विषय याद नहीं हो रहा जैसी शिकायतें आम है। इसके लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि घर में सकारात्मक वातावरण बना कर रखें और उन पर अनावश्यक दबाव न बनाए। दूसरी जरूरी बात कि पढ़ाई के साथ ही युवाओं की शारीरिक गतिविधियां भी लगातार जारी रहनी चाहिए। साथ ही खाने-पीने पर विशेष ध्यान दें। 




पहचानें शारीरिक लक्षण 
लगातार सिर दर्द
बदन दर्द
पाचन शक्ति कमजोर होना
साँस लेने में तकलीफ
अस्थमा के मरीजों को बार-बार अस्थमा के अटैक पड़ना
तनाव में बेचैन रहना
ठीक से लिख न पाना
कुछ भी याद न रहना।



पहचानें मनोवैज्ञानिक लक्षण 
मनोवैज्ञानिक लक्षण 
पढ़ाई में मन न लगना। 
ज्यादा टीवी देखना, ज्यादा सोना। 
जिद्दी चिड़चिड़ा होना। 
हताश होना, आक्रोश से भरे रहना। 
खाने और सोने की आदतों में ज्यादा बदलाव दिखना। 
अकेले रहना पसंद करना। 
बातचीत बंद कर देना। 



क्या करें 
अच्छी नींद लें। 
अगर सोने में लगातार दिक्कत आ रही है तो अपने डॉक्टर से बात करें। 
आरामदेह व्यायाम व योगा करें। 
बाहरी खेलों को प्राथमिकता दें।
खानपान का विशेष ख्याल रखें।