गुरुवार, 25 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. नन्ही दुनिया
  3. क्या तुम जानते हो?
  4. 10 interesting facts about mugal Akbar
Written By
Last Modified: बुधवार, 13 अक्टूबर 2021 (11:37 IST)

मुगल बादशाह अकबर की 10 बड़ी बातें

मुगल बादशाह अकबर की 10 बड़ी बातें - 10 interesting facts about mugal Akbar
बादशाह अकबर मुगल काल के सबसे कुशल शासक और धर्मनिरपेक्ष राजा थे। मुगल काल का इतिहास बहुत बड़ा और प्राचीन है। बादशाह अकबर का पूरा नाम जलालुद्दीन मोहम्मद अकबर था। सम्राट अकबर मुगल साम्राज्य के संस्थापक जहीरूद्दीन मोहम्मद बाबर का पौत्र और नसीरुद्दीन हुमायूं और हमीदा बानो का पुत्र था। भारतीय इतिहास में अकबर को मुगल साम्राज्य का सबसे महान सम्राट कहा जाता है। तुलना की द़ष्टि से भारत में केवल एक राजा ऐसा था जिनकी तुलना बादशाह अकबर से की जाती थी और वह थे मौर्य वंश का महान शासक सम्राट अशोक। अकबर का जन्‍म 15 अक्टूबर 1542 को हुआ था। हालांकि यह तय नहीं है। इतिहास में अकबर के जन्‍म की अलग-अलग तिथि है। आइए जानते हैं अकबर से जुड़ी 10 बड़ी बातें -

1. अकबर का जन्‍म पूर्णिमा के दिन हुआ था इसलिए उनका नाम बदरुद्दीन मोहम्मद अकबर रखा गया था। बद्र का अर्थ होता है पूर्ण चंद्रमा।

2. अकबर ने मुगल शक्ति का भारत के कई हिस्सों में विस्तार किया था। जिसमें भारतीय उपमहाद्वीप मुख्‍य है।

3.अकबर का राज्याभिषेक 14 फरवरी 1556 ई को पंजाब के कलनौर में हुआ था।

4. हल्दीघाटी का युद्ध मुगल बादशाह अकबर और महाराणा प्रताप के बीच लड़ा गया था। यह युद्ध महाभारत से कम नहीं था। हालांकि इस युद्ध में कोई नहीं जीत सका और न ही कोई हारा। दोनों के पास शक्ति की कमी नहीं थी। अकबर संधि करना चाहते थे। लेकिन महाराणा प्रताप नहीं। और लड़ाई लड़ते रहे।

5. अकबर ने हिंदू-मुसलमानों के बीच की दूरी को कम करने के लिए दीन-ए-इलाही नामक धर्म की स्‍थापना भी की।

6.अकबर ने पहली बार समुद्र गुजरात विजय के दौरान देखा था। और यहीं पर पुर्तगालियों से मिला था।

7. अकबर ने जैन धर्म के आचार्य हरिविजय सूरी को जगतगुरु की उपाधि दी थी।

8.अकबर के दरबार में भी संगीतमय शाम होती थी। उनके दरबार का प्रसिद्ध संगीतकार था तानसेन।

9.अकबर के दरबार के प्रमुख नवरत्नों के नाम बहुत हटकर थे। अबुल फजल, फैजी, तानसेन, राजा बीरबल, राजा टोडरमल, राजा मानसिंह, अब्दुल रहीम खान-ऐ-खाना, फकीर अजिओं-दिन, मुल्लाह दो प्याज़ा।

10.अकबर के काल को हिन्दी साहित्य का स्वर्ण काल कहा जाता है।
ये भी पढ़ें
essay on sharad purnima : शरद पूर्णिमा पर हिन्दी निबंध