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Written By भाषा
Last Modified: पौड़ी , सोमवार, 28 अप्रैल 2014 (15:59 IST)

पौड़ी लोकसभभा क्षेत्र में दिलचस्प मुकाबला

पौड़ी लोकसभभा क्षेत्र में दिलचस्प मुकाबला -
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पौड़ी। पौड़ी लोकसभा क्षेत्र में राजनीति के क्षेत्र में साफ छवि के लिए पहचाने जाने वाले भाजपा नेता बीसी खंडूरी और इस लोकसभा क्षेत्र में स्थानीय लोगों के साथ अपने जुड़ाव रखने वाले कांग्रेस के उत्तराखंड के मंत्री हरकसिंह रावत के बीच दिलचस्प मुकाबला है।

इस क्षेत्र में 12,30,077 मतदाता हैं और राज्य की 4 अन्य सीटों के साथ यहां 7 मई को मतदान होगा।

राजनीतिक पर्यवेक्षकों को लगता है कि चुनावी मुकाबले में थोड़ी देर से उतरने के बाद भी चुनावी रणनीति में विशेषज्ञता के लिए चर्चित हरक सिंह खंडूरी के लिए मुश्किलें पैदा कर सकते हैं।

खंडूरी से कुछ छोटे हरक राज्य विधानसभा में रुद्रप्रयाग सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं। वैसे 54 वर्षीय कांग्रेस उम्मीदवार समय-समय पर विवादों में फंसते रहे हैं लेकिन इसके बावजूद निर्वाचन क्षेत्र में उनका लोगों से जुड़ाव है।

हाल में पौड़ी में कलेक्टोरेट में नामांकन दाखिल करने के दिन अपने कैबिनेट सहयोगी के समर्थन में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने रोड शो किया जिसमें खूब भीड़ जमा हुई।

रोड शो में 10,000 से ज्यादा कांग्रेस समर्थकों ने हिस्सा लिया जिससे पार्टी को यहां पर काफी उम्मीदें बढ़ गई हैं। मौजूदा सांसद सतपाल महाराज के भाजपा में शामिल होने से पार्टी को काफी झटका लगा था।

हरकसिंह रावत के पक्ष में एक और चीज जो काम कर सकती है, वह उनका ठाकुर समुदाय से होना है जिसकी आबादी निर्वाचन क्षेत्र में 60 प्रतिशत है।

सतपाल महाराज के भाजपा से जुड़ने के बाद पौड़ी के ठाकुर विकल्प के तौर पर हरकसिंह को देख रहे हैं और इससे ब्राह्मण जाति के उम्मीवार खंडूरी को कड़ी टक्कर मिल सकती है।

बहरहाल, खंडूरी की अपील किसी जाति के दायरे में नहीं बंधी है। उनकी साफ छवि है और वे विकास पर ही अपना ध्यान केंद्रित किए हुए हैं। उन्हें स्वच्छ छवि के मुख्यमंत्री के तौर पर याद किया जाता है जिन्होंने अन्ना हजारे के लोकपाल की तर्ज पर कड़ा लोकायुक्त विधेयक पेश किया।

पौड़ी के एक निवासी जनार्दन प्रसाद डोभाल ने कहा कि केंद्रीय सड़क एवं भूतल परिवहन मंत्री का उनका कार्यकाल भी याद किया जाता है, जब उन्होंने राज्य की कई सड़कों को राजमार्ग का दर्जा दिया।

उनके कार्यकाल में राज्य को औद्योगिक पैकेज भी मिला। निश्चित तौर पर इससे उन्हें फायदा मिलेगा। सेना की उनकी पृष्ठभूमि भी हरकसिंह पर उन्हें बढ़त दिला सकती है। गढवाल में अधिकतर परिवारों में एक या एक से ज्यादा लोग सेना में हैं या सेवानिवृत्त हो चुके हैं। (भाषा)