शुक्रवार, 29 मार्च 2024
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गणपति स्थापना और विसर्जन का क्या है राज, पढ़ें कथा

गणपति स्थापना और विसर्जन का क्या है राज, पढ़ें कथा - ganesh sthapana kyo karte hain
हम सभी हर साल गणपति की स्थापना करते हैं, साधारण भाषा में गणपति को बैठाते हैं। लेकिन हम में से बहुत कम लोग जानते हैं कि ऐसा क्यों करते हैं। आइए जानते हैं इसके पीछे का पौराणिक राज... 
 
हमारे धर्म ग्रंथों के अनुसार, महर्षि वेद व्यास ने महाभारत की रचना की है। लेकिन लिखना उनके वश का नहीं था। अतः उन्होंने श्री गणेश जी की आराधना की और गणपति जी से महाभारत लिखने की प्रार्थना की। गणपति जी ने सहमति दी और दिन-रात लेखन कार्य प्रारम्भ हुआ और इस कारण गणेश जी को थकान तो होनी ही थी। 
गणपति जी के शरीर का तापमान बढ़े नहीं, इसलिए वेदव्यास ने उनके शरीर पर मिट्टी का लेप किया और भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को गणेश जी की पूजा की।
 
मिट्टी का लेप सूखने पर गणेश जी के शरीर में अकड़न आ गई, इसी कारण गणेश जी का एक नाम पार्थिव गणेश भी पड़ा। महाभारत का लेखन कार्य 10 दिनों तक चला। चतुर्दशी को लेखन कार्य संपन्न हुआ। वेदव्यास ने देखा कि, गणपति का शारीरिक तापमान फिर भी बहुत बढ़ा हुआ है और उनके शरीर पर लेप की गई मिट्टी सूखकर झड़ रही है, तो वेदव्यास ने उन्हें पवित्र सरोवर में डाल कर शीतल करने की सोची। इन दस दिनों में वेदव्यास ने गणेश जी को खाने के लिए विभिन्न पदार्थ दिए। तभी से गणपति स्थापना की प्रथा चल पड़ी और इन दस दिनों में इसीलिए गणेश जी को पसंद विभिन्न भोजन अर्पित किए जाते हैं।