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Written By भाषा

एयरसेल का मोबाइल एप्लिकेशन स्टोर

आईटी
नई दिल्ली, आपको डायबिटीज के बारे में जानकारी लेनी है, या फिर किसी अच्छे रेस्तरां में डिनर के लिए जाना है या यह पता करना कि अमुक सिनेप्लेक्स में कौन सी मूवी चल रही है अथवा मौसम की जानकारी प्राप्त करनी है, सब कुछ आपके मोबाइल पर उपलब्ध होगा।

मोबाइल ऑपरेटर एयरसेल ने आईटी कंपनी इन्फोसिस टेक्नोलॉजीज के साथ देश का पहला मोबाइल एप्लिकेशन स्टोर पेश किया है, जहाँ सभी तरह के ग्राहकों की जरूरत के हिसाब से एप्लिकेशंस उपलब्ध होंगी।

एयरसेल के मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) गुरदीप सिंह ने आज इस मौके पर संवाददाताओं से कहा कि आमतौर पर दुनिया में अन्य स्थानों पर मोबाइल एप्लिकेशंस के लिए स्मार्टफोन की आवश्यकता पड़ती है, लेकिन हम जो एप्लिकेशन पेश करने जा रहे हैं, उसका लाभ ग्राहक सामान्य मोबाइल फोन पर भी ले सकेंगे। सिंह ने कहा कि हमने इन एप्लिकेशंस को मुफ्त, पेड और प्रीमियम की श्रेणी में बाँटा है। ज्यादातर एप्लिकेशंस ग्राहकों को मुफ्त उपलब्ध कराई जाएँगी।

एयरसेल का यह एप्लिकेशन स्टोर फ्लिप द्वारा जारी चालित है, जो एक रेडी टू लॉन्‍च एप्लिकेशन प्लेटफार्म है। इन्फोसिस के मुख्य परिचालन अधिकारी एस डी शिबूलाल ने कहा कि मोबाइल एप्लिकेशन का बाजार इस समय एक अरब डालर का है, जिसके 2012 तक बढ़कर चार अरब डालर पर पहुंच जाने की संभावना है।

शिबूलाल ने कहा कि फ्लिप ऑपरेटरो के लिए एक रेडी टू लांच मोबाइल एप्लि‍केशन प्लेटफार्म है। यह पूछे जाने पर कि क्या कंपनी इस प्लेटफार्म को अन्य ऑपरेटरों को भी उपलब्ध कराएगी, उन्होंने कहा कि यह ग्लोबल प्लेटफार्म है। उन्होंने कहा कि इसका विकास मुख्य रूप से भारतीय ग्राहकों की आवश्यकताओं के अनुरूप है। उन्होंने बताया कि इसके तहत वायस, एसएमएस, जीपीआरएस या इंटरनेट आदि माध्यमों के जरिए सुविधाजनक तरीके से मोबाइल एप्लिकेशन का चुनाव किया जा सकता है।

गुरदीप सिंह ने कहा कि यूँ तो भारत का मोबाइल बाजार दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ते बाजारों में से है, लेकिन जब बात मोबाइल की मूल्यवर्धित सेवाओं (वैस) की आती है, तो हम इसमें काफी पीछे हैं। जापान में मोबाइल ऑपरेटरों के कुल राजस्व में वैस की हिस्सेदारी 42 फीसद है, जबकि ब्रिटेन में यह 40 प्रतिशत है।

दूसरी ओर, भारत में वैस की राजस्व में हिस्सेदारी मात्र नौ प्रतिशत है। उन्होंने कहा, ‘वैस बाजार में काफी संभावनाएँ हैं, लेकिन हमें देखना यह है कि हम इस रास्ते पर कैसे आगे बढ़ें जिससे इस बाजार का लाभ उठाया जा सके।’ उन्होंने कहा कि एप स्टोर के माध्यम से हम हजारों एप्लिकेशन उपलब्ध कराएँगे, जिनमें बड़ी संख्या में भारतीय ग्राहकों के अनुकूल होंगी। (भाषा)