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Written By Author विकास सिंह
Last Modified: सोमवार, 18 जनवरी 2021 (09:25 IST)

आज महिलाओं के नाम होगा किसान आंदोलन,सभी मोर्चों पर महिलाओं के हाथों में होगी कमान

आज महिलाओं के नाम होगा किसान आंदोलन,सभी मोर्चों पर महिलाओं के हाथों में होगी कमान - Today the farmers movement will be in the name of women
नए कृषि कानून के विरोध में आज किसानों के ‘दिल्ली घेरो’ आंदोलन का 53 वां दिन है। किसान संगठन आज का दिन महिला किसान दिवस के रूप में मना रहे है। कृषि में महिलाओं की अतुलनीय भूमिका और विरोध प्रदर्शन और हर क्षेत्र में महिलाओं का सम्मान करने के उद्देश्य से  महिला किसान दिवस  कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। आज आंदोलन में शामिल महिलाएं ही मंच का प्रबंधन और संचालन का जिम्मा संभालेगी।
 
यूथ फॉर स्वराज की राष्ट्रीय कैबिनेट की सदस्य जाह्नवी जो अपने सथियों के साथ पूरे किसान आंदोलन को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर प्रचारित और प्रसारित कर रही है वह ‘वेबदुनिया’ से बातचीत में‌ कहती है कि वैसे तो पहले दिन से ही महिलाएं किसान आंदोलन ‌का अहम हिस्सा है और वह बढ़-चढ़कर शामिल हो रही है। जहां‌‌ तक आज का दिन महिला किसान दिवस मनाने के रूप में है‌ तो यह आंदोलन में‌ पहले दिन से शामिल महिलाओं को पहचान दिलाने की एक कोशिश भर है।
जाह्नवी कहती हैं कि किसान आंदोलन में महिलाएं दो तरह से अपनी भागीदारी कर रही है एक तो वह खुद आंदोलन में शामिल है वहीं आंदोलन में शामिल किसानों की गांव से गैर मौजदूगी में महिलाएं ही खेती-किसानी का पूरा जिम्मा संभाल रही है। महिलाएं किसान आंदोलन में हर रूप और हर स्तर पर शामिल हैं जैसे भाषण देना, व्यवस्था देखना,बैठकें, दवाई, रसोई के साथ अलग-अलग हिस्सों में सैकड़ों धरना स्थलों का प्रबंधन महिलाएं देख रही है।
 
वह कहती हैं कि हाल में आंदोलन में शामिल महिलाओं पर सुप्रीमकोर्ट की टिप्पणी के बाद‌ आज का दिन आंदोलन में शामिल महिलाओं की भूमिकाओं को रेखाकिंत करने के लिए एक प्रतीकात्मक रूप में मनाया जा रहा है। आज आंदोलन के सभी‌ मोर्चों की कमान महिलाओं ‌के हाथ में रहेगी। सभी मोर्चों पर महिलाएं ही मंच को संभालेगी और आंदोलन को संबोधित करेगी। 
जाह्नवी कहती हैं कि आज किसान आंदोलन में एक ऑनलाइन परिचर्चा का आयोजन किया जा रहा है जिसमें सामजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर और अमनदीप कौर के साथ आंदोलन से जुड़ी महिला किसान शामिल होगी। ऑनलाइन कार्यक्रम के लिए अलग-अलग क्षेत्र से जुड़ी 2 हजार महिलाओं को इनवाइट्स भेजे गए। वह कहती हैं कि आंदोलन केवल तीन कानूनों का विरोध करने का प्रतिनिधित्व नहीं करता बल्कि महिला बराबरी व सशक्तिकरण का भी प्रतिनिधित्व करता है। 
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