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Last Updated : बुधवार, 3 फ़रवरी 2021 (00:16 IST)

संयुक्त किसान मोर्चा ने लगाई केजरीवाल से गुहार, 115 आंदोलनकारी तिहाड़ में बंद, मेडिकल बोर्ड से कराएं परीक्षण

संयुक्त किसान मोर्चा ने लगाई केजरीवाल से गुहार, 115 आंदोलनकारी तिहाड़ में बंद, मेडिकल बोर्ड से कराएं परीक्षण - samyukt kisan morcha met chief minister arvind kejriwal claims 115 protesters in tihar jail
नई दिल्ली। संयुक्त किसान मोर्चा ने दावा किया है कि इस समय दिल्ली के तिहाड़ जेल में 115 आंदोलनकारी बंद हैं।  उनके एक प्रतिनिधिमंडल ने जेल में बंद आंदोलनकारियों की रिहाई और लापता हुए लोगों को लेकर मंगलवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की। दिल्ली के मुख्यमंत्री से उन सभी का मेडिकल बोर्ड से परीक्षण कराने का अनुरोध किया।
सरकार ने कहा हिंसा का सहारा लिया : सरकार ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि केंद्रीय कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों ने ‘दंगे, आपराधिक बल और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का आक्रामक ढंग से सहारा’ लिया।
 
गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने सदन में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह भी बताया कि सितंबर-दिसंबर, 2020 के बीच प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ 39 मामले दर्ज किए गए। उन्होंने कहा कि प्रदर्शन कर रहे किसान सामाजिक दूरी का पालन नहीं कर रहे और कोविड-19 महामारी के बीच बिना मास्क के बड़ी संख्या में एकत्र हुए ।
 
रेड्डी ने कहा कि जहां तक दिल्ली का सवाल है तो पुलिस ने सूचित किया है कि सितंबर-दिसंबर, 2020 के दौरान प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ 39 मामले दर्ज किए गए।
मंत्री के बयान से यह भी स्पष्ट है कि ये 39 मामले 26 जनवरी को हुई किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के संदर्भ में दर्ज मामलों से अलग हैं। रेड्डी ने बताया कि दिल्ली पुलिस की ओर से सूचित किया गया है कि विरोध प्रदर्शनों के दौरान आत्महत्या का एक मामला दर्ज किया गया।

सुरक्षा बढ़ाने पर दिल्ली पुलिस का बयान : दिल्ली पुलिस आयुक्त एस एन श्रीवास्तव ने शहर की सीमाओं पर सुरक्षा बढ़ाने के कदमों का बचाव करते हुए कहा कि पुलिस बल ने अवरोधकों को इसलिए मजबूत किया है ताकि फिर से उन्हें तोड़ा न जाए।
 
किसानों के प्रदर्शन स्थल के आसपास कई स्तर की बैरिकैडिंग की गई है। सड़कों पर नुकीले तार लगाए गए हैं, सीमेंट के बड़े-बड़े अवरोधक लगाए गए हैं और डीटीसी बसों को भी लगाकर रास्ता अवरूद्ध कर दिया गया है। सुरक्षाकर्मियों की संख्या में भी बढ़ा दी गई है।
 
सुरक्षा उपायों के बारे में पूछे जाने पर श्रीवास्तव ने पीतमपुरा में कहा कि उन्हें ताज्जुब है कि गणतंत्र दिवस को ट्रैक्टर परेड के दौरान पुलिसकर्मियों पर जब प्रदर्शनकारियों ने हमला किया तब किसी ने यह सवाल क्यों नहीं किया।
 
उन्होंने कहा कि मझे ताज्जुब है कि जब 26 जनवरी को पुलिसकर्मियों पर हमला करने और अवरोधक तोड़ने के लिए ट्रैक्टरों का इस्तेमाल किया तब उस वक्त किसी ने सवाल नहीं उठाया। हमने यहां अभी क्या किया है? हमने बस अवरोधकों को मजबूत किया है ताकि वे इसे फिर से नहीं तोड़ पाएं। (भाषा)