शुक्रवार, 29 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. किसान आंदोलन
  4. Narendra Singh Tomar meets Amit Shah after protesting farmers reject government's draft proposal
Written By
Last Updated : गुरुवार, 10 दिसंबर 2020 (01:16 IST)

प्रस्ताव खारिज होने के बाद अमित शाह और कृषि मंत्री तोमर की बैठक, बनी आगे की रणनीति

प्रस्ताव खारिज होने के बाद अमित शाह और कृषि मंत्री तोमर की बैठक, बनी आगे की रणनीति - Narendra Singh Tomar meets Amit Shah after protesting farmers reject government's draft proposal
नई दिल्ली। कृषि कानूनों में संशोधन के सरकार के प्रस्ताव को बुधवार को प्रदर्शनकारी किसानों द्वारा खारिज किए जाने के बाद आगे की रणनीति के लिए केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की।
 
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक तोमर ने शाह से अपनी मुलाकात के दौरान किसानों और सरकार के बीच जारी गतिरोध को समाप्त किए जाने के रास्तों पर चर्चा की। इस मुलाकात के दौरान रेलमंत्री पीयूष गोयल भी मौजूद थे। बैठक करीब ढाई घंटे चली। सरकार के प्रस्ताव को किसान संगठनों के खारिज करने के बाद यह बड़ी बैठक हुई है। 
विवादास्पद कृषि कानूनों पर केंद्रीय गृहमंत्री के किसान संगठनों के 13 प्रतिनिधियों से मंगलवार को मुलाकात करने के एक दिन बाद बुधवार को केंद्र की तरफ से किसानों को प्रस्ताव भेजा गया था। प्रस्ताव में सरकार की ओर से 7-8 मुद्दों पर संशोधन करने की बात की गई थी और कहा गया था कि वह वर्तमान में लागू न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था को जारी रखने के लिए ‘लिखित में आश्वासन’ देने को तैयार है।
हालांकि किसान संघ के नेताओं ने प्रस्ताव को देश के किसानों का 'अपमान' करार दिया। उन्होंने हालांकि कहा कि सरकार अगर वार्ता के लिये नया प्रस्ताव भेजती है तो वे उस पर विचार कर सकते हैं।
 
भारतीय किसान यूनियन (दकौंडा) के जगमोहन सिंह ने कहा कि हमने सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। हम सरकार को प्रत्युत्तर भेजने की योजना बना रहे हैं।
 
सिंह ने कहा कि अगर सरकार हमें वार्ता के लिए आमंत्रित करती है तो हम जाएंगे लेकिन हमारी मांगों को मानना होगा। यह अब एक जनआंदोलन बन चुका है। हम खाली हाथ अपने गांवों में नहीं लौट सकते। सरकार और किसान संघ के नेताओं के बीच आज होने वाली छठे दौर की बातचीत को रद्द कर दिया गया था।

गृह मंत्री के साथ किसानों की कल हुई बैठक में भी गतिरोध दूर नहीं हो पाया था। सरकार इन कानूनों को किसान हितैषी बताकर उन्हें बरकरार रखने पर अड़ी है।
 
कृषि मंत्रालय में संयुक्त सचिव विवेक अग्रवाल की तरफ से भेजे गए मसौदा प्रस्ताव में सरकार की तरफ से कहा गया है कि नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों की जो आपत्तियां हैं, उन पर सरकार खुले दिल से विचार करने के लिए तैयार है।
14 से राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन : किसान नेताओं ने नए कृषि कानूनों में संशोधन करने के सरकार के प्रस्ताव को बुधवार को खारिज कर दिया और कहा कि वे शनिवार को जयपुर-दिल्ली और दिल्ली-आगरा एक्सप्रेस-वे को बंद करेंगे तथा आंदोलन को तेज करते हुए 14 दिसंबर को राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन करेंगे।

किसान नेता शिव कुमार कक्का ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार के प्रस्ताव में कुछ भी नया नहीं है और ‘संयुक्त किसान समिति’ ने बुधवार को अपनी बैठक में इसे 'पूरी तरह खारिज' कर दिया।

किसान संगठनों के नेताओं मुताबिक उत्तर भारत के सभी किसानों के लिए 14 दिसंबर को ‘दिल्ली चलो’ का आह्वान किया गया है, जबकि दक्षिण भारत में रहने वाले किसानों से जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन के लिये कहा गया है। किसान नेताओं ने कहा कि वे 14 दिसंबर को भाजपा के मंत्रियों, पार्टी के जिला कार्यालयों का घेराव करेंगे और पार्टी के नेताओं का बहिष्कार करेंगे। (भाषा)
ये भी पढ़ें
ब्रिटेन की संसद में 'किसान आंदोलन' पर सवाल, पीएम जॉनसन के जवाब ने किया हैरान