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Last Modified: गुरुवार, 18 फ़रवरी 2021 (19:33 IST)

देशभर में रेल रोको प्रदर्शन हुए, विरोध केवल पंजाब, हरियाणा तक सीमित नहीं : किसान नेता

देशभर में रेल रोको प्रदर्शन हुए, विरोध केवल पंजाब, हरियाणा तक सीमित नहीं : किसान नेता - Farmer leader said, rail stop demonstrations were held across the country, protests are not limited to Punjab, Haryana only
नई दिल्ली। देशभर में छोटे-बड़े स्टेशनों पर रेल पटरियों को बाधित किए जाने के बीच सिंघू बॉर्डर पर प्रदर्शनकारियों ने गुरुवार को दावा किया कि यह आंदोलन केवल पंजाब और हरियाणा तक ही सीमित नहीं है।क्रांतिकारी किसान यूनियन के नेता भजन सिंह ने कहा कि सरकार लगातार यह कह रही है कि नए कृषि कानूनों का विरोध केवल 2 राज्यों पंजाब एवं हरियाणा के किसान ही कर रहे हैं, लेकिन रेल रोको प्रदर्शन ने सरकार को गलत साबित कर दिया है।

उन्होंने कहा, विभिन्न राज्यों के किसानों ने रेल रोको प्रदर्शन में हिस्सा लिया। इसलिए रेल पटरियों पर प्रदर्शन करना हमारे लिए महत्वपूर्ण था। जिस तरह रेलवे का देशभर में नेटवर्क है, उसी तरह हमारा प्रदर्शन भी देशभर में हो रहा है।

पंजाब और हरियाणा के कई रेलवे स्टेशनों के अलावा उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक समेत अन्य राज्यों के अलग-अलग हिस्सों में रेल रोको प्रदर्शन किया गया। वहीं किसान नेता अमरीक सिंह ने कहा कि इस तरह के विरोध-प्रदर्शन के जरिए किसान सरकार को अपनी एकजुटता दिखाना चाहते हैं।

उन्होंने कहा, तीन नए कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की आवश्यकता है और संयुक्त किसान मोर्चा हर तरह से सरकार पर दबाव बनाने का प्रयास कर रहा है। हालांकि हम शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे हैं और आगे भी जारी रखेंगे।

सिंह ने कहा कि रेल रोको प्रदर्शन केवल चार घंटे तक ही सीमित था क्योंकि किसान सरकार को एक संदेश देना चाहते थे और वे जनता के लिए असुविधा उत्पन्न नहीं करना चाहते थे। उन्होंने कहा, हम यात्रियों के लिए परेशानी खड़ी करना नहीं चाहते। हम केवल यह चाहते हैं कि सरकार हमारी मांगों को स्वीकार करे, ताकि वे भी आराम से सो सकें और हम भी वापस अपने परिवारों के पास लौट सकें।

सिंघू बॉर्डर पर कई प्रदर्शनकारी किसानों ने कहा कि उनके परिवार के सदस्य गांवों में रेल पटरियों पर बैठे हुए हैं।पंजाब के होशियारपुर से आए जयराम सिंह ने कहा, आज के प्रदर्शन के जरिए पूरा देश जाग रहा है। यह दर्शाता है कि हमारी मांग पूरे देश की मांग है। हम इस मुद्दे के समाधान को लेकर आशान्वित हैं चाहे इसमें दो या चार महीने ही क्यों ना लग जाएं।

'रेल रोको प्रदर्शन' का रेलगाड़ियों के परिचालन पर बहुत मामूली असर : राष्ट्रीय परिवाहक रेलवे के प्रवक्ता ने गुरुवार को दावा किया कि तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों द्वारा किए गए ‘रेल रोको प्रदर्शन’ का उसकी सेवाओं पर असर नगण्य या न्यूनतम रहा।

प्रवक्ता ने बताया कि अधिकतर जोनल रेलवे ने सूचित किया है कि उनके क्षेत्र में प्रदर्शन की घटना नहीं हुई।उन्होंने कहा, रेल रोको प्रदर्शन बिना किसी अप्रिय घटना के समाप्त हो गया। पूरे देश में रेलगाड़ियों के परिचालन पर इसका नगण्य या न्यूनतम असर रहा। सभी जोन में रेलगाड़ियों की आवाजाही सामान्य रही।

प्रवक्ता ने बताया, अधिकतर जोन में प्रदर्शनकारियों द्वारा रेलगाड़ियों को रोकने की एक भी घटना दर्ज नहीं की गई। कुछ रेलवे जोन में कुछ रेलगाड़ियों को रोका गया लेकिन अब ट्रेनों का परिचालन सामान्य है एवं वे बिना बाधा चल रही हैं। रेल रोको प्रदर्शन के दौरान सभी संबंधित पक्षों द्वारा अधिकतम संयम बरता गया। इससे पहले प्रदर्शन के चलते रेलवे ने करीब 25 रेलगाड़ियों को पुन: व्यवस्थित किया था।(भाषा)
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