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Written By Author विकास सिंह
Last Modified: बुधवार, 9 दिसंबर 2020 (10:00 IST)

Exclusive:गृहमंत्री अमित शाह के साथ किसान नेताओं की चर्चा की पूरी कहानी,किसान नेता शिवकुमार शर्मा ‘कक्काजी’ की जुबानी!

गृहमंत्री अमित शाह के साथ बैठक में शामिल रहे शिवकुमार शर्मा कक्काजी से खास बातचीत

Exclusive:गृहमंत्री अमित शाह के साथ किसान नेताओं की चर्चा की पूरी कहानी,किसान नेता शिवकुमार शर्मा ‘कक्काजी’ की जुबानी! - Exclusive : What were the points discussed in the meeting of farmer leaders with Home Minister Amit Shah
नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर के सरकार और किसानों के बीच गतिरोध बना हुआ है। मंगलवार को किसान संगठनों के भारत बंद के बाद खुद गृह मंत्री अमित शाह ने किसानों को मनाने की कमान अपने हाथ में ली और 13 किसान संगठनों के साथ गृह मंत्री अमित शाह की देर रात तक बैठक चलती रही लेकिन करीब पौने दो घंटे चली बैठक भी कोई अंतिम हल नहीं निकल पाया और सरकार और किसान संगठनों के बीच‌ छठें दौर की होने वाली बातचीत स्थगित कर दी गई। 
 
आखिर गृहमंत्री अमित शाह के साथ बैठक में किसान संगठनों की क्या बात हुई इसको जानने के लिए ‘वेबदुनिया’  किसान मजदूर महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष और संयुक्त किसान मोर्चा समन्वय समिति के सदस्य शिवकुमार शर्मा कक्का जी से खास बातचीत की।
कक्काजी की जुबानी बैठक की पूरी कहानी-गृहमंत्री अमित शाह जी के साथ बैठक में किसान संगठनों के 13 मुखिया थे। गृहमंत्री ‌अमित शाह जी के साथ बैठक‌ में अब तक सरकार के साथ पांच राउंड की जो चर्चा हुई थी,उसी चर्चा का रिपीटेशन ही हुआ। गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि आप जो भी संशोधन करवाना चाहते हैं वह करवा लीजिए हम अनेक प्रकार के संशोधन करने को तैयार हैं। इस पर हमने कहा कि संशोधन नहीं कानून वापसी हो, इस‌ पर सरकार कह रही है जब उसमें कुछ रहेगा ही नहीं तो उस कानून को क्यों आप वापस लेने की मांग कर रहे हैं।

असल में जो 5 दिन से बातचीत हो रही थी वही अमित शाह जी के साथ बैठक में भी हुई सरकार ने अपना स्टैंड रखा कि संशोधन करा लीजिए।‌ इस पर किसानों ने कहा कि अध्यादेश लाने से पहले आपको किसानों से बातचीत की होती तो यह नौबत ही ना थी। इस‌ पर सरकार ने अपनी गलती मानी और कहा कि आगे हम ठीक कर लेंगे। मैंने यह भी कहा कि अध्यादेश बहुत इमरजेंसी में लाते हैं और इस कृषि से‌ जुड़े‌‌‌ विषयों पर‌ अध्यादेश लाना संविधान की मर्यादा का उल्लंघन है।

बैठक‌‌ के आखिरी में गृहमंत्री अमित शाह जी ने कहा कि चलिए एक काम करते हैं कि हम अपनी ओर से एक प्रपोजल बनाकर भेजते हैं कि सरकार ‌अपनी तरफ से‌ कौन से पांच संशोधन‌ कर रही है और कैसे कर रही हैं। इस पर हमने कहा कि अगर‌ आप जबरदस्ती भेजना ही चाहते हैं तो भेज दें मगर हमारा स्टैंड क्लियर है हम कानूनों को निरस्त चाहते हैं और एमएसपी पर गारंटी चाहते हैं और बैठक समाप्त हो गई।

बैठक में हमने साफ कहा कि किसानों की केवल दो‌ मांग है कि सरकार‌ अध्यादेश ‌निरस्त करे और एमएसपी पर फसल को क्रय करने का गारंटी का कानून बनाए, सरकार ने अनुरोध किया कि एक बार हमारी बात मान जाइए हम लोग ने साफ मना किया इसी मान मनौव्वल में पौने दो घंटे लग गए।
 
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