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Last Updated : रविवार, 5 सितम्बर 2021 (21:26 IST)

अब 27 सितंबर को होगा भारत बंद, महापंचायत में किसान मोर्चा ने किया ऐलान

अब 27 सितंबर को होगा भारत बंद, महापंचायत में किसान मोर्चा ने किया ऐलान - bharat band will be on 27th september kisan morcha announces in mahapanchayat
लखनऊ/मुजफ्फरनगर। केंद्र सरकार के 3 नए कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले 9 माह से आंदोलन कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने रविवार को मुजफ्फरनगर की किसान महापंचायत में 27 सितंबर को 'भारत बंद' का ऐलान किया। दूसरी तरफ किसान महापंचायत को लेकर सत्तारूढ़ भाजपा सहित विभिन्न दलों की अलग-अलग प्रतिक्रिया सामने आई।
 
संयुक्त किसान मोर्चा ने पहले 25 सितंबर को भारत बंद की घोषणा की थी लेकिन रविवार को मुजफ्फरनगर की महापंचायत में कहा गया कि अब ‘भारत बंद’ 27 सितंबर को होगा। किसान मोर्चा ने कहा है कि 27 सितंबर को ‘भारत बंद’ के दौरान देश में सब कुछ बंद रहेगा। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने महापंचायत को संबोधित करते हुए कहा कि तीन कृषि कानून जब तक वापस नहीं लिए जाते हैं तब तक वह अपना आंदोलन समाप्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि जब तक हम जीत नहीं जाते तब तक कोई ताकत हमें वहां से हटा नहीं सकती। तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर पिछले नौ महीने से दिल्‍ली बॉर्डर पर किसान डेरा डाले हुए हैं।
 
किसान महापंचायत पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता आलोक अवस्थी ने कहा, 'राकेश टिकैत किसान नहीं हैं और पंजाब व हरियाणा के राजनीतिक कार्यकर्ताओं को इस आयोजन में लाया गया था। वे (संयुक्त किसान मोर्चा) केवल अपने राजनीतिक हित के लिए किसानों का उपयोग कर रहे हैं और यह केंद्र और उत्तर प्रदेश की सरकारें है जो वास्तव में किसानों के कल्‍याण के लिए काम कर रही हैं।”
 
उन्होंने कहा कि असली किसान खेतों में काम कर रहा है और किसी विरोध में भाग नहीं ले रहा है जिसके चलते राज्य में विभिन्न फसलों का भरपूर उत्पादन हुआ है। 
 
प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय से जारी एक बयान में उत्तर प्रदेश मामलों की प्रभारी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने इन तीन कृषि कानून का एक बार पुनः विरोध करते हुए कहा कि किसान इस देश की आवाज हैं। किसान देश का गौरव हैं, किसानों की हुंकार के सामने किसी भी सत्ता का अहंकार नहीं चलता। खेती-किसानी को बचाने और अपनी मेहनत का हक मांगने की लड़ाई में पूरा देश किसानों के साथ है।” वाड्रा ने अपना यह वक्तव्य कांग्रेस पार्टी की तरफ से उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में हो रही किसान महापंचायत के समर्थन में दिया है।
उधर, समाजवादी पार्टी के अध्‍यक्ष और उत्‍तर प्रदेश के पूर्व मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव ने भदोही की एक सभा में किसान महापंचायत का समर्थन करते हुए कहा कि 'उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में लाखों किसान भाजपा के खिलाफ हुंकार भर रहे हैं तो भदोही में शिक्षक, बुनकर, नौजवान बहुत बड़ी तादाद में एकत्र हैं। यह परिवर्तन की आवाजे हैं जो उठ रही है। भाजपा का सत्ता से बेदखल होना तय है। समाजवादी पार्टी की 2022 के चुनावों में बहुमत से जीत होगी। समाजवादी सरकार बनने पर किसानों- बुनकरों को बिजली की सुविधा मिलेगी और नौजवानों के रोजगार का इंतजाम होगा।'
 
किसान महापंचायत को संबोधित करते हुए स्वराज इंडिया के प्रमुख योगेंद्र यादव ने कहा, 'उत्तर प्रदेश में योगी सरकार से बड़ी जातिवादी सरकार कोई नहीं आई। देश के इतिहास में पहली बार हर मंत्री की जाति गिनाई गई और यह वही मुजफ्फरनगर है जहां हिंदू-मुसलमान में दंगा कराकर, खून की नदी बहाकर इन लोगों ने राजनीति की थी।'
 
उन्होंने कहा कि जो घर में आग लगाकर अपनी रोटी सेंके वह घर का दोस्त है कि दुश्मन- ये देशद्रोही हैं। ये योगी नहीं देशद्रोही हैं। भारत मां के दो लाल हिंदू और मुसलमान में जो झगड़ा करवाए वह भारत मां का बेटा नहीं हो सकता है, वह देशद्रोही है। आज हम मुजफ्फरनगर में कहते हैं कि तुम तोड़ोगे, हम मिलकर जोड़ेंगे। हम हिंदू मुसलमान को टूटने नहीं देंगे।'
 
योगेंद्र यादव ने किसान महापंचायत की सफलता पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि जो लोग कह रहे थे कि यह आंदोलन ढीला पड़ गया है, वह आंख खोलकर देख लें कि यह ग्राउंड ही छोटा नहीं पड़ गया, इसके लिए मुजफ्फरपुर (मुजफ्फरनगर) शहर छोटा पड़ गया है।
 
उन्होंने “मुजफ्फरनगर” को “मुजफ्फरपुर” बोल दिया। उन्होंने कहा कि योगी सरकार ने अपने कार्यकाल में किसान के लिए जो किया है उसकी चार्जशीट आपके सामने रखना चाहता हूं। पांच साल और पांच पाप इस सरकार के आपके सामने रखना चाहता हूं।”
 
यादव ने कहा कि पहला पाप- इस सरकार ने कर्जमाफी के नाम पर उत्तर प्रदेश के किसानों के साथ ढोंग किया है।” उन्होंने कहा कि चार साल में सरकार ने गन्ने का दाम नहीं बढ़ाया और पिछला बकाया नहीं दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि ये सरकार किसानों की कर्जमाफी करने के बजाय फसल के दाम की लूट कर रही है। उन्होंने गेहूं की खरीद न होने समेत कई और आरोप लगाए। मेधा पाटकर ने कहा कि किसानों के अस्तित्व के मुद्दे को नजरअंदाज कर ये लोग 'हिंदुत्व के नाम पर अंधत्‍व फैलाते हैं'। (भाषा)
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