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Last Modified: मंगलवार, 28 जून 2022 (12:30 IST)

क्या है Patra Chawl घोटाला, जिसके चलते ED ने भेजा संजय राउत को समन

क्या है Patra Chawl घोटाला, जिसके चलते ED ने भेजा संजय राउत को समन   What Is Patra Chawl Scam In Which ED Has Summoned Sanjay Raut - What Is Patra Chawl Scam In Which ED Has Summoned Sanjay Raut
प्रथमेश व्यास 
नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पिछले कुछ महीनों से भारी एक्शन में दिख रहा है। राहुल-सोनिया गांधी, आम आदमी पार्टी नेता सत्येंद्र जैन और जैकलीन फर्नांडीज के बाद अब ईडी ने शिवसेना सांसद संजय राउत को समन जारी करते हुए 28 जून को पूछताछ के लिए बुलाया है। ये समन करीब 14 साल पुराने पत्रा चॉल प्रोजेक्ट से जुड़ी धोखाधड़ी के मामले में जारी किया गया है। राउत को 28 जून मंगलवार को साउथ मुंबई स्थित ईडी ऑफिस में जाकर अपना बयान दर्ज कराना है। राउत को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत अपना बयान दर्ज कराना होगा। 
 
ये समन ईडी ने ऐसे वक्त में भेजा है, जब संजय राउत के साथ-साथ पूरी महाराष्ट्र सरकार पर राजनैतिक संकट छाया हुआ है। आइए जानते हैं कि क्या है 2008 की पत्रा चॉल परियोजना और इस मामले में क्यों आया संजय राउत का नाम?
 
क्या है पत्रा चॉल पुनर्विकास परियोजना? 
मुंबई का सिद्धार्थ नगर, जिसे स्थानीय लोग पत्रा चॉल भी कहते हैं, दक्षिण मुंबई, गोरेगांव में स्थित है। करीब 47 एकड़ में फैली इस पत्रा चॉल में कुल 672 घर बने हुए हैं। बात शुरू होती है साल 2008 से, जब महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (MHADA) ने इस जगह के पुनर्विकास (Re-Development) का काम शुरू किया था। इस हेतु डेवेलपमेंट अथॉरिटी ने गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (GACPL) को इस क्षेत्र के पुनर्विकास का कॉन्ट्रैक्ट दिया था। एक लीगल कॉन्ट्रैक्ट तैयार किया गया, जिसमें MHADA, GACPL और 672 किराएदार शामिल थे। इस बात को 14 साल बीत चुके, लेकिन पत्रा चॉल के रहवासियों को आज भी अपना घर नहीं दिया गया।
 
ईडी राउत से क्या जानना चाहती है?
समझौते के अनुसार, GACPL को पत्रा चॉल के सभी 672 किराएदारों को फ्लैट बनवाकर देना था, कुछ फ्लैट MHADA को बनाकर देना था और बाकी के बचे एरिया को प्राइवेट डेवेलपर्स को बेचना था। ईडी का आरोप है कि राउत के सहयोगी प्रवीण राउत और GACPL के तत्कालीन निदेशकों ने मिलकर MHADA को चकमा देकर बिना कोई निर्माण कार्य किए फ्लोर स्पेस इंडेक्स (FSI ) को नौ प्राइवेट डेवेलपर्स को बेचकर 901.79 करोड़ रुपए कमा लिए। 
 
इसी के कुछ महीनों बाद GACPL ने Meadows नामक एक और परियोजना शुरू की, जिसके तहत फ्लैट खरीदने वालों से 138 करोड़ रुपए की बुकिंग राशि ली। ईडी का दावा है कि इन गतिविधयों के चलते GACPL ने अवैध रूप से 1,039.79 करोड़ रुपयों की कमाई की। 
 
ईडी ने ये दावा भी किया है कि राउत के सहयोगी प्रवीण राउत ने रियल एस्टेट कंपनी HDIL से 100 करोड़ संजय राउत के करीबियों, परिवारजनों और अन्य सहयोगी संस्थाओं के खातों में ट्रांसफर किए हैं। इसके तहत संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत के ही खाते में 83 लाख रुपया 'डायवर्ट' किया गया, जिससे उन्होंने दादर में एक फ्लैट खरीदा। इसके अलावा महाराष्ट्र स्थित अलीबाग के प्रसिद्द किहिम बीच पर वर्षा राउत और उनकी कथित सहयोगी स्वप्ना पाटकर के नाम पर 8 से ज्यादा फ्लैट खरीदे गए हैं। 
 
ऐसे हुई पत्रा चॉल परियोजना में गड़बड़ी:
कॉन्ट्रैक्ट के मुताबिक, GACPL  द्वारा प्रोजेक्ट पूरा होने तक सभी 672 किराएदारों को हर महीने किसी अन्य स्थान पर रहने के लिए किराया देना था। लेकिन, किराया केवल 2015 तक ही दिया गया, जिसके बाद किराएदारों ने इस संबंध में शिकायत की। इसी के कुछ दिनों बाद ये खबर सामने आती है कि प्रवीण राउत ने GACPL के साथ मिलकर जमीन निजी डेवेलपर्स को 901.79 करोड़ में बेच दी है और एक नव-निर्मित बैनर के तले उन्हें दूसरे खरीदारों को बेचना भी शुरू कर दिया है। 
 
इस गड़बड़ी की खबर जब MHADA को लगी, तो उसने GACPL को टर्मिनेशन लेटर जारी किया। इस नोटिस के विरुद्ध GACPL को करोड़ों का भुगतान करके जमीन खरीदने वाले डेवेलपर्स ने बॉम्बे हाई कोर्ट में केस कर दिया। मामला कोर्ट पहुंचा और पत्रा चॉल पुनर्विकास परियोजना को रोक दिया गया, जिसके बाद किराएदारों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया। 
 
14 साल बाद भी अधर में लटका है प्रोजेक्ट:
2020 में महाराष्ट्र सरकार ने 672 किराएदारों के पुनर्वास और बकाया किराए का भुगतान करने के लिए एक समिति का गठन किया। समिति ने MHADA से सिफारिश की, जिसके बाद 2021 में इस अधूरे कार्य को पूरा करने का प्रस्ताव जारी किया गया।  
 
इसी साल 22 फरवरी को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के निर्देशानुसार निर्माण कार्य फिर से शुरू किया गया, जिसके तहत MHADA ही पत्रा चॉल परियोजना में एक डेवलपर के रूप में काम करेगा और जल्द ही सभी 672 किराएदारों को मकान देगा। 
 
'मेरे आस अभी समय नहीं, ईडी को जल्दी हो तो मुझे गिरफ्तार करे': राउत
ईडी द्वारा संजय राउत को समन जारी किए जाने पर राउत ने कहा कि इस वक्त महाराष्ट्र एक बड़े संकट के बीच में खड़ा है। हम मेहनत के साथ इस समस्या से निपटने में लगे हुए हैं, लेकिन विपक्षी दल के नेता सरकारी एजेंसियों का दुरूपयोग करते हुए मुझे झूठे केस में फंसाने में लगे हैं। मेरे पास इस वक्त पूछताछ में शामिल होने के लिए समय नहीं है, अगर ईडी को जल्दी है, तो मुझे गिरफ्तार कर लिया जाए। 
 
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