शुक्रवार, 19 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. व्रत-त्योहार
  3. विजयादशमी
  4. दशहरा : मंगल कार्यों का पवित्र मुहूर्त
Written By राजश्री कासलीवाल

दशहरा : मंगल कार्यों का पवित्र मुहूर्त

दशहरे की कुछ खास बातें

Dussehra festival | दशहरा : मंगल कार्यों का पवित्र मुहूर्त
ND

विजयादशमी हमारा राष्ट्रीय पर्व है....! जिसे सभी भार‍तीय बड़े हर्षोल्लास एवं गर्व के साथ मनाते हैं। आश्विन माह में नवरात्रि समाप्ति के दूसरे दिन यानी दशमी को मनाया जाने वाला दशहरे का यह पर्व बहुत ही शुभ माना जाता है। इस दिन खास कर खरीददारी करना शुभ मानते है, जिसमें सोना, चाँदी और वाहन की खरीदी बहुत ही महत्वपूर्ण है। ‍दशहरे के दिन पूरे दिन भर ही मुहूर्त होते है इसलिए सारे बड़े काम आसानी से संपन्न किए जा सकते हैं। यह एक ऐसा मुहूर्त वाला दिन है जिस दिन बिना मुहूर्त देखे आप कोई भी नए काम की शुरुआत कर सकते हैं।

आश्विन शुक्ल दशमी को मनाए जाने वाला यह त्योहार विजयादशमी या दशहरा के नाम से प्रचलित है। यह त्योहार वर्षा ऋतु की समाप्ति का सूचक है। इन दिनों चौमासे में स्थगित कार्य फिर से शुरू किए जा सकते हैं। दशहरे के दिन भगवान श्रीराम की पूजा का दिन है। इस दिन घर के दरवाजों को फूलों की मालाओं से सजा दिया है। घर में रखें शस्त्र, वाहन आदि भी पूजा की जाती है। दशहरे का यह त्योहार बहुत ही पावनता के साथ संपन्न किया जाता है। उसके बाद रावण दहन मनाया जाता है।

ND
नौ दिनों तक माँ दुर्गा की आराधना करने के बाद भगवान श्रीराम ने दशहरे के दिन ही लंकापति रावण का वध किया था। वैसे तो रावण बहुत परम ज्ञानी पंडित था। लेकिन मन में अहंकार के भाव के चलते उन्होंने सीता का हरण करके लंका ले गया और उसे अशोक वाटिका में कैद करके रखने दुस्साहस किया था। जिसके परिणाम स्वरूप भगवान राम हनुमान जी की सहायता से राक्षसराज रावण पर काबू पाने में सफल हो गए थे।

उन्होंने रावण को युद्ध में परास्त करके उन्हें मुक्ति देने का महान कार्य करके दशमी के दिन को पावन कर दिया। श्रीराम ने रावण के अहंकार को चूर-चूर करके दुनिया के लिए भी एक बहुत मूल्यवान शिक्षा प्रदान की, जिसकी हम सभी को रोजमर्रा के जीवन में बहुत जरूरी है।

श्रीराम की यही सीख मानवीय जीवन में बहुउपयोगी सिद्ध होगी। हमें भी अपने जीवन काल में अहंकार, लोभ, लालच और अत्याचारी वृत्तियों को त्याग कर क्षमारूपी बनकर जीवन जीना चाहिए। भगवान राम की यह सीख बहुत ही सच्ची और हमें मोक्ष प्राप्ति की ओर ले जाने वाली है।

ND
दशहरे की कुछ खास बातें :
- इस दिन करोड़ों रुपए की फूलों की बिक्री होती है और लोग अपने घर के दरवाजों फूलों की मालाओं से सजाकर उत्सव मनाते है।
- लोग अपनी-अपनी क्षमतानुसार सोना-चाँदी, गाडि़यों तथा बर्तनों की खरीददारी करते हैं।
- भगवान राम-सीता और हनुमान की पूजा-अर्चना की जाती है।
- विजयादशमी पर शमी वृक्ष का पूजन किया जाता है।
- रावण रचित शिव तांडव स्तोत्र से भगवान शिव की आराधना की जाती है।
- इस दिन देश भर में रावण के पुतले बनाकर जगह-जगह जलाएँ जाते हैं।
- दशहरे के दिन शहर-कस्बों और गाँवों में श्रीराम-सीता स्वयंवर प्रसंग, रामभक्त हनुमान का लंका दहन कार्यक्रम, रामलीला का बखान करते हुए राम-रावण युद्ध के साथ रावण दहन किया जाता है।
- इस दिन खास तौर पर गिलकी के पकौड़े और गुलगुले (मीठे पकौड़े) बनाने का प्रचलन है।
- रावण दहन के बाद एक-दूसरे के घर जाकर, गले मिलकर, चरण छू कर बड़ों का आशीर्वाद लिया जाता है और साथ ही शमी पत्तों को एक-दूसरे को बाँटा जाता है।

ऐसा यह पावन त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत को दर्शाता है।

सभी को दशहरा पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ....।