बुधवार, 24 अप्रैल 2024
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Written By रवींद्र व्यास

हिंदी और विश्व कविता का एक अच्छा ब्लॉग

इस बार ब्लॉग चर्चा में अनुनाद

हिंदी और विश्व कविता का एक अच्छा ब्लॉग -
WD
इधर कविता के खिलाफ लगातार यह दुष्प्रचार किया जाता रहा है कि अब कविताएँ कोई नहीं पढ़ता। इसके बावजूद हिंदी में कई लघु पत्रिकाओं में न केवल बेहतरीन कविताएँ छप रही हैं बल्कि इस समय हिंदी में एक साथ कई पीढियाँ सक्रिय हैं। इधर युवा कवियों ने अपनी रचनात्मकता से परिदृश्य पर महत्वपूर्ण उपस्थिति दर्ज की है।

भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार के जरिए हिंदी के युवा कवियों को बेहतर ढंग से रेखांकित किया जा रहा है। कई युवा कवियों के संग्रह आ रहे हैं, उनकी समीक्षाएँ छप रही हैं। ब्लॉग की दुनिया भी इससे अछूती नहीं है। आज कई ऐसे ब्लॉग्स हैं जिन पर हिंदी और विश्व की कविता से कोई भी आत्मीय परिचय कर सकता है।

कुछ सप्ताह पहले ब्लॉग चर्चा में कविता का एक ब्लॉग अनहद-नाद पर हमने ब्लॉग चर्चा की थी। एक लंबे अंतराल के बाद फिर हमने कविता का एक ब्लॉग चुना है-अनुनाद। यह ब्लॉग भी कविता और कविता के अनुवाद और विचार का ब्लॉग है। इसके ब्लॉगर हैं युवा कवि और अनुवादक शिरीष कुमार मौर्य।

इस ब्लॉग पर आप हिंदी के बेहतरीन कवियों की कविताएँ पढ़ सकते हैं। इनमें कई वरिष्ठ और युवा कवि शामिल हैं। इसके साथ ही इसमें एक कैटेगरी है विश्व कविता। जाहिर है इसमें विश्व के नामचीन कवियों-शायरों की कविता पढ़ने को मिलती है। हिंदी के कवियों में यहाँ विष्णु खरे से लेकर चंद्रकांत देवताले और आलोकधन्वा, गिरधर राठी से लेकर असद जैदी, वीरेन डंगवाल से लेकर मंगलेश डबराल और कुमार अंबुज, पंकज चतुर्वेदी से लेकर प्रदीपचंद्र पांडे की चुनी हुई कविताएँ पढ़ सकते हैं। यानी यहाँ हिंदी का एक वैविध्यपूर्ण कविता संसार मौजूद है जिससे रूबरू होकर आप हिंदी कविता के नाक-नक्श से वाकिफ हो सकते हैं।
  ब्लॉग की दुनिया भी इससे अछूती नहीं है। आज कई ऐसे ब्लॉग्स हैं जिन पर हिंदी और विश्व की कविता से कोई भी आत्मीय परिचय कर सकता है। कुछ सप्ताह पहले ब्लॉग चर्चा में कविता का एक ब्लॉग अनहद-नाद पर हमने ब्लॉग चर्चा की थी।      


इस ब्लॉग पर विष्ण खरे की एक लंबी और मार्मिक कविता हर शहर में एक बदनाम औरत रहती है जोरदार कविता है। इसमें विष्णु खरे ने अपने चिर-परिचित फॉर्म में एक बदनाम औरत और पुरुष मानसिकता का जो अंदरूनी खाका खींचा है वह अनूठा और विचलित कर देने वाला है। कविता में कहानी कहने की कला में माहिर इस कवि ने इसमें भावुक होने से बचते हुए जिस काव्य कौशल से बदनाम औरत को अभिव्यक्त किया है वह उन्हें इसीलिए हिंदी का विरल कवि बनाता है।

इसी तरह गिरधर राठी जैसे कम पढ़े गए कवि का परिचय देते हुए उनकी तीन कविताएँ दी गई हैं। इन छोटी छोटी कविताओं में इस कवि की काव्य संवेदना और कहन ध्यान खींचता है। राठीजी की कविता उनींदे की लोरी इस लिहाज से पठनीय है। पढ़िए-

साँप सुनें अपनी फुफकार और सो जाएँ
चींटियाँ बसा लें घर बार और सो जाएँ
गुरखे कर जाएं ख़बरदार और सो जाएँ

इसी तरह मनमोहन की एक छोटी सी कविता आपमें कील की तरह गहरे गड़ती है। एक स्त्री के दुःख को अभिव्यक्त करने का यह अंदाज भी खूब है। यह कविता है उसकी थकान-

यह उस स्त्री की थकान थी
कि वह हँस कर रह जाती थी
जबकि वे समझते थे
कि अंततः उसने उन्हें क्षमा कर दिया !

चंद्रकांत देवताले हमारे समय के सचेत-सजग ऐसे कवि हैं जिनकी कविता में हमारे समय की दहशत, हाहाकार अपने पूरे आवेग के साथ मिलता है। एक कवि ही जानता है कि नींद क्या होती है। इसलिए वे भी जानते हैं कि दूसरों की नींद कितनी कीमती है इसीलिए वे अपनी कविता ' अगर तुम्हे नींद नहीं आ रही है' में यह बात कितने आत्मीय आवेग से कहते हैं-

अगर तुम्हें नींद नहीं आ रही
तो मत करो कुछ ऐसा
कि जो किसी तरह सोये हैं उनकी नींद हराम हो जाए

हो सके तो बनो पहरुए
दुस्वप्नों से बचाने के लिए उन्हें
गाओ कुछ शांत मद्धिम
नींद और पके उनकी जिससे

विश्व कविता के तहत पाकिस्तानी शायर अहमद फराज, अफजाल अहमद से लेकर ईरानी कवि फरूख फरूखजाद की कविताएँ पढ़ी जा सकती हैं। हंस मानूस इंजेत्सबरजर, इजराइली कवि येहूदा अमीखाई की कविता आँखों की उदासी और एक सफर की तफसील कविता बताती है कि अपने समय को कितनी शिद्दत से व्यक्त कर रहे थे। टामस ट्रांसट्रोमर, कू सेंग, नाजिम हिकमत की कविताएँ पढ़ी जा सकती हैं।

इसके अलावा शिरीष कुमार मौर्य ने अपनी भी कुछ कविताएँ पोस्ट की हैं। इसमें बेटे के साथ दुनिया, मुक्तिबोध को याद करते हुए, मालकौंस, शनि जैसे पठनीय कविताएँ हैं। यही नहीं यहाँ उनके प्रिय कवियों आलोकधन्वा, चंद्रकांत देवताले, वीरेन डंगवाल, मंगलेश डबराल के फोटो हैं और साथ ही उन्होंने अपने बेटे की खूबसूरत फोटोज भी लगाई हैं।

इनके ब्लॉग का पता है-
http://anunaad.blogspot.com/