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Written By WD

गणतंत्र के 58 वर्ष – पाठकों की राय

गणतंत्र के 58 वर्ष – पाठकों की राय -
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भारतीय गणतंत्र के 58 वर्ष। डेमोक्रेसी - ऑफ द पीपुल, फॉर द पीपुल, बाय द पीपुल के 58 वर्ष। समता, न्‍याय और बराबरी के 58 वर्ष या लोकतंत्र के बुनियादी नियमों का ही माखौल उड़ाते 58 वर्ष।

26 जनवरी, 1950 में जब भारत का संविधान लागू किया गया और भारतीय गणतंत्र की स्‍थापना हुई, तब से लेकर अब तक गंगा और ब्रम्‍हपुत्र में जाने कितना पानी बह चुका है। इस देश ने बहुत से उतार-चढ़ाव देखे, युद्ध और अकाल की विभीषिकाएँ देखीं और उन्‍नति के शिखर भी देखे

आप इस बारे में क्‍या सोचते हैं। वेबदुनिया की इस बहस में आपका स्‍वागत है। इस मंच से भारतीय गणतंत्र के बारे में विचार व्‍यक्‍त करिए। आप इस गणतंत्र से कितने संतुष्‍ट या असंतुष्‍ट हैं, भारतीय गणतंत्र से आपकी अपेक्षाएँ और सपने क्‍या हैं। फिर देर किस बात की है। वेबदुनिया के मंच पर आपका स्‍वागत है, आपकी निष्‍पक्ष राय और विचारों का स्‍वागत है।