शनिवार, 20 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. कोरोना वायरस
  4. Parents divided into two camps on reopening Delhi schools
Written By
Last Modified: गुरुवार, 26 अगस्त 2021 (18:05 IST)

दिल्ली : स्कूलों को खोलने पर अभिभावक 2 खेमों में बंटे, जताई यह चिंता...

दिल्ली : स्कूलों को खोलने पर अभिभावक 2 खेमों में बंटे, जताई यह चिंता... - Parents divided into two camps on reopening Delhi schools
नई दिल्ली। आगामी महीनों में कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 की संभावित तीसरी लहर की चिंताओं के बीच अभिभावकों की राय राष्ट्रीय राजधानी में स्कूलों को फिर से खोलने की योजना को लेकर बंटी हुई है।

दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) द्वारा गठित एक विशेषज्ञ समिति ने दिल्ली में सितंबर से स्कूलों को चरणबद्ध तरीके से फिर से खोलने की सिफारिश की है। कुछ लोगों का मानना है कि अब बहुत हो चुका और स्कूलों को खोल दिया जाना चाहिए जबकि कुछ का मानना है कि कुछ और सप्ताह या महीने तक प्रतीक्षा करने में कोई समस्या नहीं है क्योंकि विशेषज्ञों ने संभावित तीसरी लहर को लेकर आगाह किया है।

दिल्ली अभिभावक संघ की अध्यक्ष अपराजिता गौतम ने कहा, जोखिम अभी समाप्त नहीं हुआ है। अक्टूबर-नवंबर से ठीक पहले स्कूलों को फिर से खोलना सही फैसला नहीं है क्योंकि विशेषज्ञों ने इन्हीं महीनों में तीसरी लहर आने का अनुमान जताया है। ऑनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था चल रही है और इसे कुछ और सप्ताह या एक और महीने तक बढ़ाने से कोई बड़ा नुकसान नहीं होगा जबकि पहले ही स्कूल इतने लंबे समय से बंद रहे हैं।

नौ साल के बच्चे की मां दीक्षा वर्मा ने कहा, यदि स्कूलों को फिर से खोलना ही है तो उन्हें पूर्णकालिक कक्षाएं शुरू नहीं करनी चाहिए। हम सभी जानते हैं कि कई देशों में फिर से मामले बढ़ रहे हैं और अगला हमारा नंबर हो सकता है।

बहरहाल, ऑल इंडिया पैरेंट्स एसोसिएशन (एआईपीए) स्कूलों को फिर से खोलने की मांग कर रही है। एआईपीए के अध्यक्ष अशोक अग्रवाल ने कहा, दिल्ली में स्कूलों को फिर से खेालने में अनिश्चितकाल तक देरी का क्या औचित्य है? 2020-21 की तरह 2021-22 भी शून्य अकादमिक वर्ष बनने जा रहा है।
आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले जुड़वां बच्चों के पिता निशांत भारद्वाज ने भी ऐसी ही राय जताते हुए कहा, सरकार ने पहले ही संकेत दे दिया है कि बच्चों के स्कूल आने के लिए माता-पिता की अनुमति आवश्यक होगी और जो स्कूल नहीं आना चाहते वे ऑनलाइन कक्षाओं में भाग ले सकते हैं। फिर क्या मसला है? अगर कुछ माता-पिता इसके पक्ष में नहीं है तो वे अपने बच्चों को न भेजें।
कई स्कूलों के प्रधानाचार्य और शिक्षा विशेषज्ञ स्कूलों को फिर से खोलने के पक्ष में हैं। एमआरजी स्कूल, रोहिणी की प्रधानाचार्या अंशु मित्तल ने कहा, स्कूल बच्चे के समग्र विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और कोविड महामारी के कारण इन स्कूलों को बंद हुए 16 महीने से अधिक समय बीत गया है। स्कूलों को फिर से खोलना चाहिए और प्रत्‍येक व्यक्ति की कुशलक्षेम को ध्यान में रखते हुए कक्षाओं में छात्रों की मौजूदगी शुरू होनी चाहिए।

कोरोनावायरस को फैलने से रोकने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन के मद्देनजर पिछले साल मार्च में राष्ट्रीय राजधानी के स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया गया था। अभी 10वीं, 11वीं और 12वीं के छात्र अपने माता-पिता की अनुमति से दाखिले और बोर्ड परीक्षा से संबंधित गतिविधियों के लिए ही स्कूल जा सकते हैं।(भाषा)
ये भी पढ़ें
Afghanistan : पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई को तालिबान ने किया नजरबंद