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Last Updated : रविवार, 10 मई 2020 (15:52 IST)

नागपुर से Ground Report : सरकारी और निजी कार्यालयों में शुरू हुआ कामकाज

नागपुर से Ground Report : सरकारी और निजी कार्यालयों में शुरू हुआ कामकाज - Nagpur Ground report
नागपुर जिले में भी कोरोना (Corona) संक्रमण का आंकड़ा 280 के पार पहुंच गया है, जबकि 80 लोग स्वस्थ होकर अपने घर जा चुके हैं। दूसरी ओर, एम्स ने प्रवासी मजदूरों के लिए सराहनीय भूमिका निभाई। उन्हें न सिर्फ चिकित्सा प्रमाण प‍त्र जारी किए गए, बल्कि स्पेशल ट्रेन से रवाना होने से पहले उनकी स्क्रीनिंग भी की गई ताकि कोरोना के संक्रमण का भय न रहे। 
 
यहां मेडिकल टीम का समर्पण भी देखने लायक है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण शहर की राधिका विंचुरकर नामक एक नर्स हैं, जो कोरोना वार्ड में लगातार काम कर रही थीं और एक महीने बाद अपने घर पहुंची। इंदिरा गांधी गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में कार्यरत राधिका जब अपने घर लौटीं तो पड़ोसियों ने फूलों-तालियों और शंखनाद से उनका स्वागत किया। यह सब देख राधिका भी अपने आंसू नहीं रोक पाईं। 
 
लॉकडाउन के बावजूद शहर में जरूरी सामान की किल्लत नहीं है। लोगों को किसी भी तरह की समस्या का सामना नहीं करना पड़ रहा है। रामनगर निवासी राजेन्द्र मानकर ने वेबदुनिया से बातचीत करते हुए बताया कि नागपुर में लोग लॉकडाउन के नियमों का पालन कर रहे हैं। यही एक महत्वपूर्ण कारण है कि यहां संक्रमण नियंत्रण में आया है। यहां रोजमर्रा के जरूरी सामान की कमी नहीं है। सुबह सब्जी, फल तथा दूध भी मिल जाता है।
 
उन्होंने बताया कि सतरंजीपुरा, मोमिनपुरा और कुछ इलाकों में लॉकडाउन के नियमों का पालन सही तरीके से न करने के कारण संक्रमण थोड़ा ज्यादा है। कुछ प्रायवेट तथा सरकारी कार्यालय भी खुले हुए हैं और कुछ कर्मचारियों ने कार्यालय जाना शुरू कर दिया है।
 
अर्चना परांजपे ने बताया कि कोरोना रोगियों की मौत के बाद पार्वती नगर को सील करने का आदेश दिए हैं। वहां सख्ती से लॉकडाउन का पालन किया जा रहा है। लोगों ने भी खुद को पूरी तरह घरों तक सीमित कर लिया है। पार्वती नगर के कुछ लोगों को क्वारंटाइन भी किया गया है। 
 
शहर के कुछ इलाकों में निर्धारित समय के लिए दुकानें भी खुलना शुरू हो गई हैं। हालांकि ये दुकानें जरूरी सामान की हैं। सुभाष नगर की आरती भोकरे ने बताया कि यहां सुबह 7 से लेकर 10 बजे दुकानें खुली रहती हैं। इस अवधि में लोग अपनी जरूरत का सामान खरीद सकते हैं। मेट्रो बंद होने के कारण सभी जगह एकदम शांति का वातावरण है। 
 
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से प्रभावित अर्चना भटुरकर ने कहा कि हमारे यहां मोदी के लगाए हुए लॉकडाउन का पूरी तरह पालन किया जा रहा है। इस‍ इलाके में सभी दुकानें पूरी तरह से बंद रखी गई हैं। हमारा नारा है- हम घर में तो करोना बाहर।
 
एम्स की सराहनीय भूमिका : अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने अपने मूल घरों तक पहुंचने के लिए शहर में फंसे प्रवासी मजदूरों की सहायता करने में एक सराहनीय भूमिका निभाई है। जनरल मेडिसिन विभाग, ईएनटी और कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के डॉक्टरों की टीम ने हाल में हजारों प्रवासी श्रमिकों को सफलतापूर्वक मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट दिए हैं।
 
इस प्रक्रिया में बुखार, स्क्रीनिंग और श्वसन संबंधी शिकायतों के लिए क्लिनिकल जांच शामिल है। अधिकांश प्रवासी यूपी, बिहार और झारखंड के मूल निवासी थे। ये सभी शहर में दिहाड़ी मजदूर और निर्माण कार्य में श्रमिक के रूप में काम कर रहे थे। इस बीच, ये प्रवासी मजदूर स्पेशल ट्रेन के जरिए अपने-अपने घरों की ओर रवाना भी हो चुके हैं।