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पागल है या दीवाना, काम है नियम सिखाना, नाम है 'बादशाह'

पागल है या दीवाना, काम है नियम सिखाना, नाम है 'बादशाह' - Meerut News in Hindi
मेरठ। यमला पगला दीवाना। उसका काम है यातायात नियम समझाना। समझदार को यह समझ ना आना कि जरूरी है मास्क लगाना। फिर उसे फटकार लगाना। पागल का काम है यह समझाना। इस पंक्तियों के द्वारा आज मिलिए एक ऐसी ही शख्सीयत से, जिन्हें कोई पागल कहता है तो कोई आवारा कहता है और कोई सनकी। पर वह बादशाह है। जी हां! उसका नाम है बादशाह और वह मेरठ के किसी भी चौराहे पर जाकर कभी ट्रैफिक नियंत्रण करता नजर आता है तो कभी लोगों को कोरोना से बचने के लिए मास्क लगाने के लिए कहता है।
 
ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों को भी उसका यह एक्ट देखकर आनंद आता है। उसके आते ही वह गोल चक्कर खाली कर आनंद लेते हैं। उसे कोई कुछ नहीं कहता क्योंकि यह सेन्सलेस कहा जाने वाला आदमी हमेशा बहुत सेंसेटिव नजर आता है। बस! कभी-कभी यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों के पीछे धमकाता हुआ दौड़ पड़ता है। लगता है कि यह उन पर हमलावर हो सकता है लेकिन गुस्से में वह इतना भर कहता है कि चालान काट दूंगा या दूसरों की नहीं तो अपनी जान की परवाह तो करो!
 
मास्क न पहनने वालों को जोर से हड़काता है। जुर्माना लगाने की धमकी देता है। पर धमकी में इतना कहता है कि आगे से बिना मास्क के देखा तो तुम्हारी खैर नहीं। उसके बाद चौराहे पर तैनात पुलिसकर्मी आगे की कार्रवाई को अंजाम देने लगते हैं।

आम लोग उससे चुहलबाजी करते हुए पूछते हैं कि तुम यातायात नियम तोड़ने वालों और मास्क न पहनने पर कितना जुर्माना? तब वह कभी 100 रुपए तो कभी 200 रुपए कहता है! गुस्से में वह उन लोगों के पीछे दौड़ भी पड़ता है, जो उसके इशारे पर थमते नहीं लेकिन कभी अनुशासित व्यक्तियों को कुछ नहीं कहता बल्कि खुश होता है। बिल्कुल उसी स्टाइल में जैसे 'मोगाम्बो' खुश होता था। यह बात अलग है कि वह कभी बहन बोलता- मोगाम्बो खुश हुआ! शायद इसलिए कि वह मोगाम्बो नहीं बादशाह है।
 
उसका नाम भले ही बादशाह हो लेकिन उसकी सल्तनत का किसी को भी नहीं पता। सल्तनत ही क्यों बल्कि उसके घर-द्वार का भी किसी को नहीं पता। वह अकसर मेरठ के दिल बेगमपुल चौराहे पर लॉकडाउन से अनलॉकडाउन तक अवतरित हो जाता है और फिर शुरू कर देता है प्रहसन। शायद उसे यह राज चेतन-अवचेतन में अच्छे से समझ आ गया है कि दुनिया एक रंगमंच है, जिस पर हर व्यक्ति एक कठपुतली है, एक अभिनेता है और निर्देशक नेपथ्य में बैठकर पारदर्शी डोरियों के माध्यम से सबको नचा रहा है।
 
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