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जम्मू कश्मीर में Lockdown में भी गरज रही हैं बंदूकें

जम्मू कश्मीर में Lockdown में भी गरज रही हैं बंदूकें - Guns are also roaring in Lockdown in Jammu and Kashmir
जम्मू। कोरोना वायरस (Corona virus) कोविड-19 को हराने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन के दौरान भी आतंकियों द्वारा किए जाने वाले हमलों में कोई कमी नहीं आई। नतीजा यह रहा कि आतंकी हमलों का जवाब देने के लिए पुलिस व सुरक्षाबलों की बंदूकें भी लॉकडाउन के दौरान गरजती रही हैं। अभी भी यह गरज ही रही हैं।

यह सच है कि पिछले साल पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 हटने के बाद बंद रहे कश्मीर में छह महीनों के दौरान सुरक्षाबलों को इतना नुकसान नहीं हुआ, जितना लॉकडाउन के 28 दिन में उठाना पड़ा है। 25 मार्च से लगे लॉकडाउन को सख्ती से लागू करवाने में लगे सुरक्षाबलों पर आतंकी हमले बढ़ गए हैं। इस दौरान कश्मीर के अलग-अलग हिस्सों में करीब 18 वारदातें हुई हैं।

पिछले तेरह दिनों में कश्मीर में आतंकी हमलों में 10 जवान शहीद हुए। इस अवधि में 18 आतंकी भी मारे गए हैं। दूसरी ओर अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद छह महीने में सुरक्षाबलों के पांच जवान शहीद हुए थे, जबकि 30 से 40 आतंकियों को मार गिराया गया था।

साल 2020 की शुरूआत से अब तक यानी इन चार महीनों में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के कई कुख्यात कमांडरों समेत 50 आतंकी मारे गए हैं। इसी अवधि में केंद्रशासित जम्मू कश्मीर में आतंकवाद को समाप्त करने की जारी मुहिम में 17 सुरक्षाबलों के जवानों ने शहादत भी दी है। यही नहीं कश्मीर में शांति की कामना रखने वाले नागरिकों में अपना डर बनाने के लिए इन आतंकी संगठनों ने इन चार महीनों में 9 नागरिकों को भी मार डाला।

यह जानकारी डीजीपी पुलिस दिलबाग सिंह ने दी। उन्होंने कहा कि मारे गए आतंकियों में जैश-ए-मुहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन के कई कुख्यात कमांडर शामिल थे। कोरोना संक्रमण के प्रकोप को रोकने के लिए जम्मू कश्मीर पुलिस, सेना व अन्य सर्द्धसैनिक बल अपना पूरा योगदान दे रहे हैं। परंतु कश्मीर घाटी सहित प्रदेश के दूसरे राज्यों में उनकी आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई भी जारी है।

इसका उदाहरण यह है कि लॉकडाउन के दौरान भी सुरक्षाबलों ने 18 आतंकियों को मार गिराया। उन्होंने बताया कि 15 मार्च को दक्षिण कश्मीर के जिला अनंतनाग के डायलगाम इलाके में सुरक्षाबलों ने लश्कर के जिला कमांडर मुजफ्फर अहमद भट समेत चार आतंकियों को ढेर किया था। मारे गए आतंकियों में कुछ हिज्ब से भी संबंधित थे।

इससे पहले 25 जनवरी को दक्षिण कश्मीर के जिला पुलवामा के त्राल इलाके में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच हुई मुठभेड़ में जैश-ए-मोहम्मद के कमांडर कारी यासिर सहित तीन आतंकी मारे गए। इसमें हमारे तीन सैनिक भी घायल हो गए थे।

डीजीपी ने कहा कि 23 जनवरी को एक अन्य मुठभेड़ में आतंकी कमांडर अबू सैफुल्लाह उर्फ अबू कासिम, पुलवामा जिले के क्रू इलाके में यासिर का एक साथी मारा गया था। 15 जनवरी को सुरक्षाबलों ने जिला डोडा के गुंडाना गांव में हिजबुल मुजाहिदीन के एक शीर्ष कमांडर हारून वानी को भीषण मुठभेड़ में मार गिराया।

जारी लॉकडाउन के बीच भी उनका आतंक विरोधी अभियान जारी है। गत 9 अप्रैल को सुरक्षाबलों ने उत्तरी कश्मीर के जिला बारामुल्ला के सोपोर में जैश-ए-मोहम्मद के कमांडर सजाद नवाब डार को मार बड़ी कामयाबी हासिल की। लॉकडाउन के दौरान 18 आतंकवादियों को मारा गया। आतंकवाद के खिलाफ इस लड़ाई में कई जवानों को अपनी शहादत भी देनी पड़ी।

इन चार महीनों में 17 जवान शहीद हुए जिनमें 13 सुरक्षाबल के जवान, तीन एसपीओ और एक पुलिसकर्मी शामिल हैं। अधिकारी ने यह भी बताया कि जम्मू कश्मीर में वर्ष 2019 में सुरक्षाबलों ने करीब 160 आतंकवादी मारे थे, जबकि 102 गिरफ्तार किए थे।