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Last Modified: शुक्रवार, 21 मई 2021 (16:56 IST)

कमलनाथ का दावा, मध्य प्रदेश में Corona से मार्च-अप्रैल में हुई 1,02,002 मौतें, सरकार ने इसे झूठ बताया

कमलनाथ का दावा, मध्य प्रदेश में Corona से मार्च-अप्रैल में हुई 1,02,002 मौतें, सरकार ने इसे झूठ बताया - Former Chief Minister Kamal Nath accused Madhya Pradesh government
भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शुक्रवार को केन्द्र एवं प्रदेश सरकार पर कोरोनावायरस (Coronavirus) संक्रमण से मरने वालों के आंकड़े छुपाने का आरोप लगाया और दावा किया कि राज्य में इस साल मार्च-अप्रैल में कुल 1,27,503 लोगों की मौत हुई है, जिनमें से कोविड-19 से मरने वालों की संख्या 1,02,002 है, 
जबकि प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग द्वारा गुरुवार को जारी बुलेटिन के अनुसार राज्य में अब तक कोविड-19 बीमारी से मरने वालों की संख्या मात्र 7,315 है।

कमलनाथ ने चुनौती देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इसका खंडन करें कि इस साल मार्च-अप्रैल में 1,27,503 शव राज्य के श्मशान घाटों एवं कब्रिस्तानों में नहीं आए हैं। वहीं मध्य प्रदेश सरकार ने कमलनाथ के इस दावे को भ्रम फैलाने वाला और झूठ करार दिया है।

कमलनाथ ने कहा, विश्व में भारतीय कोरोना का पर्याय बन गए हैं। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने कहा कि वे भारतीय कोरोना से डर रहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, मेरा भारत महान छोड़िए, मेरा भारत कोविड बन गया। कोविड-19 से होने वाली मौतों के बनावटी आंकड़े पेश कर हम पूरे विश्व को धोखा दे रहे हैं।

देश में तेजी से बढ़ रहे ब्लैक फंगस का जिक्र करते हुए कमलनाथ ने कहा, ब्लैक फंगस के मामले में भारत दुनिया की राजधानी बन गया है और अब हम व्हाइट फंगस की राजधानी बनने जा रहे हैं। कमलनाथ ने मध्य प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया, वह मौतों का आंकड़ा छिपा रही है। उन्होंने कहा, मैंने मुख्यमंत्री चौहान से व्यक्तिगत रूप से कहा है कि मुझे मरने वालों के आंकड़े दो। आप कोविड-19 से मौत किसे मानते हो? आप लाशें गिन लो। इसमें एक दिन लगता है।

अपने दावे के समर्थन में उन्होंने कहा कि पिछले तीन साल पहले कितने लोग मरते थे और आज कितने मर रहे हैं। इसी के औसत से पता चल जाएगा कि प्रदेश में कितने लोग कोरोना से मरे हैं। कमलनाथ ने कहा, पिछले दो महीनों में मध्य प्रदेश के 26 जिलों में हुई मौतों के बारे में अखबारों में छपा है। बाकी (26 जिलों के) के आंकड़े मैंने निकाले हैं कि कितनी लाशें गांव, पंचायत, कस्बों एवं शहरों के श्मशान घाटों एवं कब्रिस्तानों में पहुंची हैं। उन्होंने कहा, मैं लाशें गिन रहा हूं। 80 प्रतिशत लोग कोविड-19 से मर रहे हैं।

कांग्रेस नेता कमलनाथ ने कहा, पिछले 10 दिन में प्रदेश के लिंघा गांव में 15 लोग मर गए। लेकिन कलेक्टर कह रहा है कि इस गांव में केवल दो लोग ही मरे। ये तो मैं अपने आंख एवं कानों से सुनकर आ रहा हूं। यही हालात मध्य प्रदेश के सारे गांवों में हैं। उन्होंने राज्य में महामारी से मरने वालों के लिए अनुग्रह राशि एक लाख रुपए से बढ़ाकर पांच लाख रुपए करने की मांग की।

कांग्रेस नेता के बयान पर टिप्पणी करते हुए मध्य प्रदेश के गृहमंत्री एवं सरकारी प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा ने कहा, भारत के लिए अपमानजनक शब्द सुनकर स्तब्ध और दुखी हुआ हूं। तय मानिए कि कमलनाथ के टूलकिट से तार जुडे हुए हैं।
मिश्रा ने कहा, कमलनाथ ने आज बिना प्रमाण के कह दिया कि पिछले दो महीनों में 1,02,002 लोग मध्य प्रदेश में कोरोना से मरे। एक संवैधानिक पद पर बैठा व्यक्ति भ्रम फैलाए, झूठ बोले और लगातार झूठ पर झूठ बोले, यह चिंता की भी बात है और निंदा की भी बात है। उनके पास आंकड़े हैं तो प्रमाण के साथ रखें।
उन्होंने कमलनाथ पर तंज कसते हुए कहा, मैं मानता हूं कि 1984 के दंगों के बाद जो सिखों की लाशें उन्होंने (कमलनाथ) गिनवाई थी, उसके बाद से उन्हें लाशें गिनने की आदत हो गई है और उन्होंने कोरोना से हुईं लोगों की लाशें गिनवाई हैं तो उन्हें प्रमाण के साथ मीडिया के सामने रखना चाहिए। सिर्फ बात नहीं करना चाहिए।

उन्होंने कहा, कमलनाथ बिना प्रमाण के आरोप लगा रहे हैं। कमलनाथ प्रमाण दें या फिर इस्तीफा दें। मैं राज्यपाल महोदया से मांग करता हूं कि इस मामले में उन पर 188 के तहत मामला दर्ज करें। मिश्रा ने कहा, अगर आप (कमलनाथ) प्रमाण रखोगे तो मैं इस्तीफा दूंगा।(भाषा) 
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