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Last Updated : बुधवार, 1 अप्रैल 2020 (09:43 IST)

Ground Report : 21 दिन के लॉकडाउन पर 7 दिन बाद ही मंडराया फेल होने का खतरा!

Ground Report : 21 दिन के लॉकडाउन पर 7 दिन बाद ही मंडराया फेल होने का खतरा! - Coronavirus : Why Lockdown may be fail in India
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना महामारी से निपटने के लिए तीन सप्ताह (21 दिन) के जिस देशव्यापी लॉकडाउन का एलान किया था उस पर अब पहले हफ्ते (7 दिन बाद) में ही संकट के बादल मंडराने लगे है। कोरोना को हराने और उसको फैलने से रोकने के लिए लोगों में सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए 21 दिन का लॉकडाउन करागर होता नहीं दिख रहा है और अब वह फेल होता दिख रहा है। लॉकडाउन के पूरी तरह सफल नहीं होने के लिए सबसे बड़े कारण लोगों का लाखों की संख्या में पलायन करना और खुद उनकी हठधर्मिता और लोगों का गैरजिम्मेदाराना व्यवहार जिम्मेदार है।  

पलायन के चलते लॉकडाउन के फेल होने का खतरा – लॉकडाउन के एलान के बाद जिस तरह पिछले कई दिनों से देशभर से लाखों की संख्या में लोगों के पलायन की खबरें और तस्वीरें सामने आ रही है वह बेहद डरा देने वाली है। दिल्ली से लेकर राजस्थान तक, राजस्थान से लेकर उत्तरप्रदेश तक और उत्तर प्रदेश से लेकर छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश तक लगभग सभी राज्यों की सीमाओं पर लगातार लोग पलायन कर पहुंच रहे है और सरकार की सख्ती और समझने के बाद भी अब भी बड़ी संख्या में वहां डेरा डाले हुए है।

राज्यों की सीमाओं पर जो लोग पलायन कर  पहुंचे है उसमें छोटे छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक शामिल है। लाखों की तदाद में एक साथ लोगों के विस्थापन की जो तस्वीरें सामने आ रही है वह बहुत ही डरावनी है और यह आने वाले समय में किसी बड़े खतरे का संकेत दे रही है। 
 
लाखों की संख्या में लोगों के पलायन के बाद अब खतरा इस बात का मंडराने लगा है कि क्या कोरोना से लड़ने का देशव्यापी लॉकडाउन इस पलायन और विस्थापन के कारण फेल हो जाएगा। गरीब, मजबूर, बेबस, लाचार लोगों के पलायन कर अपने घर जाने की होड़ ने सरकारों को चिंता में डाल दिया है। पलायन इस कदर बढ़ा कि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आगे आकर राज्यों से लॉकडाउन का सख्ती से पालन करने के निर्देश देने पड़े और इसके बाद राज्यों की सीमाएं पूरी तरह सील कर दी गई। 
 
लाखों लोगों का पलायन कोरोना के संक्रमण को फैलाने का कितना बड़ा खतरा बन सकते हैं इसका इशारा विश्व स्वास्थ्य संगठन की चीफ साइंटिस्ट सौम्या स्वामीनाथन ने किया है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर हालात नहीं संभले तो भारत के गांव कोरोना के नए गढ़ बनेंगे। 

लोगों का हठ पड़ रहा भारी – कोरोना को रोकने के लिए जिस लॉकडाउन का सहारा लिया गया था उसको नहीं मनाने की लोगों की जिद अब उन पर ही भारी पड़ रही है। मंगलवार को इंदौर में एक साथ 17 नए कोरोना के पॉजिटिव होना और दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में शामिल बड़ी संख्या में लोगों का कोरोना संक्रमण की चपेट में आना सरकार की लॉकडाउन की पहल के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है। 
 
लॉकडाउन की सफलता को लेकर अब सरकार भी आंशकित नजर आने लगी है। पिछले दो दिनों में लगातार जिस तरह से सरकार के तरफ से लॉकडाउन को लेकर बयान आ रहे है वह बताते है कि सरकार की चुनौती दिन प्रतिदिन किस तरह बढ़ती जा रही है। 
 
सोमवार को स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव का यह बयान कि समाज में अगर कोई भी एक व्यक्ति सहयोग नहीं करता और वह लापरवाही करता है तो अब तक जो भी पॉजिटिव रिजल्ट आए वह बेकार हो जाएंगे और फिर जीरो स्टेज पर आकर फेल हो सकते है। उन्होंने कहा कि अगर लॉकडाउन के पालन करने में एक फीसदी की भी कमी रह गई तो हम फेल हो जाएंगे।
इसके बाद मंगलवार को देश में कोरोना के मामले में तेजी से आई बढ़ोत्तरी के बाद संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि देश में कोरोना के मामले इसलिए बढ़ रहे है क्योंकि लोग लॉकडाउन का सपोर्ट नहीं कर रहे है। 
 
अगर कोरोना से जूझ रहे अमेरिकी और इटली जैसे देशों को देखे तो हमें पता चलता है कि कैसे एक व्यक्ति ने देखते ही देखते सैकड़ों से हजारों और हजारों से लाखों लोगों में संक्रमण फैला दिया है। ऐसे में अब भी हमारे सामने समय है कि हम लॉकडाउन के साथ सोशल डिस्टेंसिंग का अपनाए और कोरोना को हराएं।  
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