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Written By वेबदुनिया न्यूज डेस्क
Last Updated : मंगलवार, 23 मार्च 2021 (11:55 IST)

सब‍ मिलकर लें यह संकल्प, लॉकडाउन नहीं बने विकल्प...

सब‍ मिलकर लें यह संकल्प, लॉकडाउन नहीं बने विकल्प... - coronavirus lockdown india Night curfews
एक बार फिर लॉकडाउन.... बिलकुल भी नहीं और कहीं भी नहीं... न व्यापारी चाहता है, न दुकानदार चाहता है और न ही आम आदमी। लेकिन, एक बार फिर कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों के बीच इस तरह की आहट तो सुनाई देने लगी है। देश के कई शहरों में आंशिक या पूर्णकालिक लॉकडाउन की शुरुआत भी हो चुकी है। महाराष्ट्र का नागपुर ऐसा शहर है, जहां पूर्णकालिक लॉकडाउन है। इसके कई अन्य शहरों में भी आंशिक लॉकडाउन है या फिर रात्रिकालीन कर्फ्यू है। इंदौर जैसे शहर में लोग एक दिन का लॉकडाउन झेल चुके हैं।
 
लेकिन, क्या लॉकडाउन ही एकमात्र विकल्प है कोरोना के फैलाव को रोकने का? आज ही के दिन यानी 22 मार्च, 2020 को प्रधानमंत्री द्वारा जनता कर्फ्यू का ऐलान किया गया था, तब भारत में मात्र 360 केस थे, लेकिन एक साल बाद उसी तारीख यानी 22 मार्च 2021 को संक्रमितों का आंकड़ा एक दिन में 50 हजार के लगभग पहुंच गया है। इसमें कोई संदेह नहीं कि चिंता बड़ी है और यह आंकड़ा भी बड़ा है। लेकिन, लॉकडाउन फिर भी इन बढ़ते आंकड़ों को रोकना का विकल्प नहीं हो सकता है।
जब लॉकडाउन की बात आती है तो आपके और हमारे जेहन में सड़कों पर पैदल चलते हुए लोग, मासूमों को छाती से चिपकाए बदहवास चलती माताएं... सैकड़ों किलोमीटर का रास्ता महीनों चलकर लोगों ने पूरा किया था। उन पांवों के छाले आज भी हमको भीतर तक छलनी कर देते हैं। इनमें से कुछ लोग तो ऐसे थे, जिन्होंने मंजिल से कुछ पहले ही दम तोड़ दिया। कोई नहीं चाहता वे कहानियां एक बार फिर दोहराई जाएं।
दरअसल, कोरोना से जीतना है तो हमें लेना होगा एक ईमानदार संकल्प। हमें लगातार मास्क लगाना होगा, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा, भीड़ से बचना होगा, हाथ बार-बार धोने होंगे या फिर सैनिटाइज करने होंगे। ... और साथ ही अपनी बारी आने पर वैक्सीनेशन भी करवाना होगा।
जानकार भी तो यही कहते हैं। ICMR के महामारी विज्ञान प्रभाग के प्रमुख रहे पद्मश्री डॉ. रमन गंगाखेडकर ने वेबदुनिया से बातचीत में बताया कि कोरोना संक्रमण ‌से बचने का सबसे अचूक उपाय मास्क का सही तरीके से उपयोग करना और कोरोना प्रोटोकॉल ‌का समुचित रूप से पालन करना है। अगर मास्क‌ का सही तरीके से प्रयोग करे तो 85 फीसदी संक्रमण का खतरा कम हो जाता है।
वे कहते हैं कि सरकार से ज्यादा अब लोगों की जिम्मेदारी है कि वह अपनी जिंदगी की वैल्यू को समझे और कोरोना की‌ दूसरी लहर को पीक पर पहुंचने से रोकने के लिए मास्क‌ और कोरोना प्रोटोकॉल ‌का सही तरीके से पालन करें। डॉक्टर गंगाखेड़कर कोरोना की दूसरी लहर के लिए लोगों की लापरवाही को ही जिम्मेदार मानते हैं, क्योंकि कोरोना से जारी इस जंग में किसी एक व्यक्ति की भी लापरवाही न सिर्फ उसके लिए बल्कि दूसरों के लिए भी भारी पड़ सकती है। 
वेबदुनिया परिवार का भी आप सबसे आग्रह है कि मास्क पहनें, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें, भीड़ में जाने से बचें साथ ही अनावश्यक रूप से बाहर भी न निकलें। ... और यह कोशिश किसी एक को नहीं बल्कि सभी को यानी सामूहिक रूप से करनी होगी। कह सकते हैं- सब‍ मिलकर लें यह संकल्प, लॉकडाउन नहीं बने विकल्प... आमीन!!!