मुझे तो ऐसा कुछ भी नहीं लगता की, राहुल गाँधी की सोच में, किसी भी तरह का कोई बदलाव आया हो,,जो काम वो दिल्ली में,या जहा भी उनका जाना होता था जो बोला करते थे,,वो ही वो ही बाते वो इस भारत जोड़ो यात्रा में बोल रहे हे..वो ही अडानी, वो ही अम्बानी,,वो ही आर एस एस वो ही चीन की घुसपेठ,, हां अब वो भगवान् राम की भी कथा सुनाते हे और भगवान् राम ने नोतेबंदी नहीं की,,उन्होंने जी एस टी नहीं लगाया जैसी अनर्गल बाते करते हे..पांडवो के साथ उद्योगपति नहीं थे,, उनके साथ हर धर्म के लोग थे.. वो पहले ही लोगो को हसाने का काम किया करता थे,,और आज भी वो अपने काम को पूरी तन्म्त्ता से कर रहे हे ...