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D B S SENGAR

ये भी सही हे की देश ने तर्रक्की की हे..हमने एशिया में तो दुसरे मुल्को के बन्स्बतिक आशानुकूल विकाश किया हे..पर अगर हम यूरोप से तुलना करे तो हम बहुत पीछे हे..इसका करान हमारी राजनितिक निर्णयों का ढुलमुल होना भी था..देश में अधिकाँश समय गथाबंदन की सरकारे रही जो आपसी हित चहाने में ही नूराकुश्ती करती रही..कुछ नेता इअसे भी रहे जिनका राजनीती में कुछ भी योगदान नहीं था .उन्हें तो बस कठपुतली बना कर बता दिया गया..और एक दो साल नहीं दस सालो तक वो कठपुतली बने देश चलाते रहे..उन्हें हर बार अपमानित किया गया पर उनका जमीर मर चूका था सो वो कुर्सी से चुपके रहे..अनिर्णय की हालत में देश ने बहुत भुगता हे..देश में एक थोश जनाधार वाली सरकार जरुरी हे..और ये हम पिचले आठ सालो से देख भी रहे हे..
X REPORT ABUSE Date 13-08-22 (02:01 PM)