अति राजनितिक महत्याकंषा महाराष्ट्र के वर्तमान संकट के लिए जबाबदेह हे,,उद्धव ठाकरे के सलाहकारों ने उन्हें जो अनुचित सह्सलाह डी उद्धव ने बिना सोचे विचारे उसी लकीर पर चलने का मन बना लिया बिना ये ध्यान किये की वो चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के घथ्बंधन से चुनाव जीते हे और प्रदेश के मतदाताओ ने उन्हें भी भारतीय जनता पार्टी के सहयोगी मान कर चुनाव में वोट किया था..जिस शिवसेना के जनक बाला साहेब ठाकरे ने अपनी पूरी राजनीती कांग्रेस और राष्टवादी कांग्रेस के विरोध के मध्य ही की की
पर इसके विपरीत उन्ही के सिधान्तो को उनका ही बेटा बिना अपने विधायको से सलाह मशविरा किये मुख्यमंत्री बन बता फिर जो हो रहा हे वो तो होना ही था ...