इस लेख के लिए टिप्पणियाँ बंद हो गयी है..

टिप्पणियां

D B S SENGAR

देश की आजादी के तुरंत बाद सभी नागरिको के लिए सामान क़ानून, सामान अधिकार, और सामान कर्तव्य होने थे..देश के पुर्वती हुक्मरानों ने सिर्फ और सिर्फ अपने वोटो की फसल निर्बाद उगती रहे और उनकी सत्ता की दुकानदारी चलती रहे सिर्फ इसलिए इस एक सबसे आबादी देश की जरुरत पर ध्यान ही नहीं दिया..उन्होंने एक वर्ग विशेष का तुस्टीकरण इस सीमा तक किया की अब उन्हें देश हित में लिया गया कोई भी निर्णय अपनी आजादी में बाधक लगता हे..उन्हें अब वो तबज्जो नहीं मिलती जिसकी आदत उन्हें कई सालो से थी..आज देश में ऐसी सरकार हे जो न किसी का तुष्टिकरण करने में विशवास करती हे और न ही वोटो के लिए किसी समाज के आगे दंडवत करती हे..बस ये ही एक बात हे जो देश के वर्ग विशेष को बेचैन किये हुए हे..इन लोगो के मुगालते इस कदर बड़ा दिए गए थे की ये अपने को देश सरकार से ऊपर मानने लगे थे..अब जब देश एक निर्णायक सुधार के लिए कमर कस रहा हे तब उनकी हितचिन्तक पार्टिया उन्हें बल्ग्राने में लगी हुई हे..अब देश के लोग ऐसी राजनितिक पार्टियों को भी पहचान चुके हे..और उन्हें उनकी औकात भी दिखा चुके हे..आज कांग्रेस की हालात देख लीजिये वो किसी मोहहल्लेले की राजनीतक पार्टी से भी कमतर हो चुकी हे..इस पार्टी की अभी तो और भी दुर्गति होनी हे..क्योकि ये पार्टी तुष्टिकरण के लिए मुन्नी से ज्यादा बदनाम हे ....
X REPORT ABUSE Date 31-05-22 (03:49 PM)