:"बजट कोरोना,किसान व विकास पर केंद्रित",,,,,,,,,सबसे अधिक इस बजट में स्वास्थ्य पर ध्यान दिया गया है. मेडिकल और मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर हेतु बढ़ने के लिए प्रावधान हुए हैं. किसानों को खुश करने के लिए लागत से डेढ़ गुना कीमत दिलाने का वादा किया है. सड़क परिवहन और रेलवे के विकास के लिये अच्छी-खासी धनराशि आबंटित की गई है. बैंको की हालत सुधारने हेतु बीस हजार करोड़ का प्रावधान किया गया है. ७५ वर्ष प्लस पेंशनर्स को आयकर रिटर्न भरने से मुक्ति स्वागत योग्य है किन्तु आयकर स्लेब और इन्वेस्टमेंट की ओर से पूरी तरह ध्यान हटा लिया है. नौकरीपेशा लोगों को बहुत उम्मीद थी कि आयकर में छूट बढ़ेगी, स्लेब मार्जिन घटेगा, तथा स्टैण्डर्ड डिडक्शन बढ़ेगा किन्तु सबकुछ आशा से परे रहा. तेल पर अतिरिक्त सेस लगाने से पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ेंगी जिससे माल ढुलाई महंगी होगी और हर वस्तु के मूल्यों में वृद्वि होना स्वाभाविक है. बावजूद इसके इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ने से बेरोजगारी कम होगी, नये काम मिलेंगे विकास भी होगा. स्वास्थ्य सेवाओं पर बजट में बेहतर प्रावधान किया है. जो कि आज की जरुरत है. सरकार बैंको की माली हालत सुधारने हेतु बीस हजार करोड़ जरूर देगी. इससे बैंको की हालत तो सुधरेगी किन्तु सरकार को नकेल एनपीए पर नियंत्रण करने की जरुरत है. इधर मदद उधर एकमुश्त करोड़ों के घोटालों के कारण बैंकों का एनपीए बढे यह बैंकों और देश के स्वास्थ के लिए भी ठीक नहीं है. कुल मिलकर देखा जाए तो बजट स्वास्थपरक और विकासोन्मुखी है. इससे लोगों का स्वास्थ तो सुधरेगा ही साथ ही देश का चहुंमुखी विकास होने से वह भी शसक्त होग. इस बात का अंदाजा इसी बात से लगता हैं कि शायर बाजार का संवेदनशील इंडेक्स २३१४.८४ अंक एकदम उछल गया. यह भी ऐतिहासिक ही है. .....शकुंतला महेश नेनावा.