देश की जनता का कानून से भरोषा उठ चूका हे, खुखार अपराधी अपराध करके जमानत पर बाहर आ जाते हे,..साक्ष के अभाव में अपराधी निर्दोष बरी हो जाते हे..डरा धमका कर गवाह को अपनी और कर लिया जाता हे..देश के नयालयो में सुस्त गति से न्याय मिलना,,जनता को विचलित भी करता हे..काट्नूं का लचीलापन भी जनता से अशंतोष का कारण हे.. ये ही सब वजहें हे की जनता अब क़ानून को अपने हाथ में लेने में कोई गुरेज नहीं कर रही हे...