दोस्तों ये तो हम आम जनता को सोचना चाहिए की इस देश के कुछ नेता या बोले की ये ५४३ लोग संवैधानिक पद पर रह कर इस तरह के बोल जो आम जनता को बोलकर गुमराह कर रहे है उन्हें सही से सबक के साथ साथ मर्यादा भी सिखाये जिसे ये जिंदगी भर याद रख कर उस संसद भवन में पालन करें वो कैसे होगा ये तो यही लोग बता पाएंगे, साथ ही भाषा, क्रिमिनल, जिसपे किसी भी प्रकार के केस ना हो , जो इस देश के जनता के पैसे का दुरूपयोग किया हो और अपने या अपने परिवार के फायदा पहुंचाया हो, गुंडा गर्दी किया हो, ऐसे लोगो को संसद में पहुंचना बेकार है, ऐसे लोगो को कानून का भी सहारा नहीं मिलना चाहिए, यही लोग तो देश का इतना बड़ा -बड़ा बजट या पालिसी बना कर, ढेर सारे गुंडे पालकर अपने या अपने लोगो को फायदा पहुंचते है ये हर सम्भब देश के लिए खतरा है अतः इन लोगो को देश के संसद में नहीं पहुंचना चाहिए, वो लोग संसद भवन में जाएँ जो इस १३० करोड़ जनता के बारें में सोचे और पालिसी बनाये