क्या पाकिस्तान से युद्ध करने पर समस्या हल हो जायेगी?
जो लोग कश्मीर समस्या का हल बातचीत से करने की बात करते हैं , उन को दरकिनार कर कड़ी सैनिक कार्रवाई करनी चाहिए । तमाम अलगाववादी नेताओं सहित महबूबा , फारुख अब्दुल्ला जैसे नेताओं को जेल में ठूंस देना चाहिए । इतना ही नहीं , भारत को चीन से सबक ले कर चीन के रास्ते पर चलते हुए पूरे कश्मीर डिविजन के लोगों को चुन-चुन कर कश्मीर से बाहर कर इन्हें सुधार कैम्प में डाल कर , सारे मानवाधिकार स्थगित कर उन के साथ सख्ती से पेश आ कर हिंदुस्तानियत से उन्हें परिचित करवाया जाना चाहिए। क्यों कि उन के दिल में बसी पाकिस्तान परस्ती , हिंसा और जेहाद की भावना इतनी आसानी से नहीं जाने वाली। ज़िक्र ज़रूरी है कि चीन ने सैकड़ों उइगर मुस्लिमों को जबरन धर्म परिवर्तन कर चीनी सरकार के आधीन आने के लिए ट्रांसफर्मेशन के नाम पर ट्रेनिंग दी जा रही है। चीन में करीब ढाई करोड़ उइगर मुस्लिम रहते हैं और इन में से तीस लाख से अधिक नज़रबंद कर इन ट्रेनिंग कैम्प में रखे गए हैं ।
उइगर मुस्लिमों के बदलाव के लिए सरकार ने जगह-जगह पर ट्रेनिंग कैंप लगाए हैं और इन कैंपों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। पश्चिमी चीन के विशाल बिल्डिंग के बाहर लाल बोर्ड पर बड़े-बड़े अक्षरों में चीनी भाषा सीखने, कानून की पढ़ाई करने और जॉब प्रशिक्षण के लिए तैयार होने के निर्देश हैं। स्थानीय पुलिस जबरन मुस्लिमों को पकड़ कर ट्रेनिंग कैंप में छोड़ती है। इन लोगों से कहा गया है कि पुरानी जिंदगी और मान्यताओं को पूरी तरह से भूल जाएं । यह ट्रेनिंग कैंप ऐसी जगह है जहां अतिवादी विचारों को खत्म किया जाने पर अमल किया जाता है । यह कैंप ऐसी जगह है जहां जबरन अपनी उइगर पहचान को खत्म करना होता है। ऐसा माओ के शासनकाल के बाद विचार परिवर्तन और चीन की सरकार के प्रति वफादारी के लिए इतना व्यापक अभियान पहली बार हो रहा है।
बता दें कि चीन के इन कैंप में रोज घंटों लंबी क्लास होती हैं, इसमें उइगर मुस्लिम को जबरन पकड़ कर लाया जाता है और उन से अपने विचार को भुला कर चीनी विचारधारा अपनाने को कहा जाता है। क्लास में मुस्लिमों को चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के समर्थन में गीत गाना, चीन की राजनीतिक विचारधार पर भाषण दिए जाते हैं। यहां तक की चीन में अब उइगर मुस्लिमों की छोटी से छोटी गलती भी माफी के काबिल नहीं है। चीन में उइगर मुस्लिमों को अपने ही समुदाय के खिलाफ आलोचनात्मक लेख लिखने के लिए मजबूर किया जाता है। इन क्लास से निकले लोगों ने बताया है कि कार्यक्रम का उद्देश्य है किसी भी तरह से इस्लाम के लिए विश्वास को खत्म किया जा सके।
इतना ही नहीं , चीन में दाढ़ी रखना , बुरका पहनना , मुस्लिम टोपी पहनना , सार्वजनिक जगह पर नमाज पढ़ना आदि पूरी तरह प्रतिबंधित है । मजार , मस्जिद , कब्रिस्तान पूरी तरह खत्म कर दिए हैं । शव दफनाने पर पूरी तरह प्रतिबंध है । अपने खर्च पर शव को जलाना बाध्यकारी बना दिया गया है ।
कुछ लोग कहते हैं , पाकिस्तान दोषी है । गलत कहते हैं। पाकिस्तान नहीं , हमारे देश के भीतर पल रहे आस्तीन के सांप दोषी हैं। ज़रूरत आस्तीन के इन सांप को ताकत भर कुचल कर खत्म कर देने की है। बहुत हो गया शहीदों की शहादत को सलाम कर पाकिस्तान को कोसने का काम। पाकिस्तान अपनी नापाक हसरतों में तभी कामयाब होता है जब हमारे देश के हरामी , कमीने और गद्दार लोग देश के साथ घात करते हैं । भारत तेरे टुकड़े होंगे , इंशा अल्ला , इंशा अल्ला का नारा लगाने वाले कन्हैया और खालिद जैसों की पुरज़ोर पैरवी करते हैं । ऐसे लोगों से भी सख्ती से , पूरी निर्ममता से निपटने की ज़रूरत है ।
साभार: दयानंद पांडेय जी।