पहले उमीदवार वोट इलेक्शन मई खरीदता था, जब इलेक्शन कमिशन ने सख्ती दिखाई थो पार्टी ने कहा तुम मत खरीदो हम मास्स मई खरीदेंगे वोट और हु भी इलेक्शन कमिशन के सामने....
समाधान आज सबके सामने है, क़र्ज़ माफ़ी, लैपटॉप बाटना, टीवी बाटना, फ्रीज बाटना, साइकिल बाटना अदि अदि ........
हमारे यहाँ लगता है लोग दान के पैसे से जिंदगी जीना चाहते है न की अपनी मेहनत से ........