पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में मिली हार से भाजपा को क्या सबक लेना चाहिए कि सत्ता मे रहते हुए भी एवम सत्ता मे नही रहते हुए भी पार्टी के सभी वरिष्ठ नेताओ , मंत्रियो तथा पदाधिकारियो को अहंकार रहित होकर केवल चुनाव के समय ही नही बल्कि हमेशा अपने क्षेत्र के मतदाताओ के बीच वास्तविक जनसेवक के रूप मे प्रतिष्ठित होना चाहिये , वास्तविक जनसेवक के रूप मे कार्य करते हुए समस्त मतदाताओ के दिलो मे स्थान बनाकर और जीवंत सम्पर्क रखते हुए अहंकार रहित होकर गरीब , शोषित एवम वंचित वर्ग का सेवाभाव के साथ कार्य किया जाना चाहिये । अनर्गल तथा अनुचित शब्दो का उपयोग करते हुये बयान नही देना चाहिये । मिडिया मे वायरल हो रहे पूर्व मंत्री अर्चना चिटनिस का ताजा बयान देखिये जिसमे उन्हे वोट नही देने वाले मतदाताओ को रूलाने की धमकी दी जा रही है ,जो सर्वथा सच्चे जनसेवक के आचरण के अनुकुल नही कहा जा सकता । कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि अब समय बदल चुका है , राजा ,महाराजओ एवम दरबारो का समय समाप्त होकर आम मतदाता अपने अधिकारो के प्रति जागरूक होकर सच्चे जनसेवक के अर्थ को समझ चुका है ,अत: भाजपा नेताओ को यदि सच्ची देशभक्ति दिखाना है और वास्तविक जनसेवक के रूप मे प्रतिष्ठित होना है तो अहंकार मुक्त भाव के साथ आम जनता के दिलो मे प्रतिष्ठित होना होगा फिर देखिये आपको कोई भी पराया नजर नही आ सकेगा । भाजपा के लिये यही सबसे बडी सीख होगी । जयहिन्द - जयभारत ॥