भगवा आतंकवाद नहीं हो सकता क्योकि भगवा धर्म का रंग है और हर धर्म इंसानियत मोहब्बत और सदभाव से ओतप्रोत होता है संघी आतंकवाद कह सकते है क्योकि जिस तरह से गलत तथ्यों के साथ संघ हमारी नई जनरेशन में मुस्लिम के खिलाफ गुस्सा और ज़हर भर रहा ये भविष्य में भयावह स्थिति पैदा कर सकता हे जिस तारह चन्दन जैसा काम उम्र का बच्चा इन आयोजन का भेट चढ़ा भविष्य में हमरे बच्चे नफरत और गुस्सा लेकर न पले बढे
कुछ जानकारी मुसलमान के बारे मे...
सोश्यल मिडिया, मिडिया से जुडने के बाद कयी एसी चीजे पढने ओर सुनने मे आयी जिनसे ये एहसास हुआ के कुछ तथ्यो पे बात करनी चाहिये.... बीते ज़माने मे एसा नही था परन्तु कुछ सालो से ओर आने वाली जनरेशन को मुसलमान की परिभाषा कुछ इस प्रकार सिखायी जा रही हे ओर वे इन तथ्यो को सत्य मानकर चलते हे
१. मुसलमान अपनी ओरतो पे बेहद जुल्म करते हे
२. वे शादी के चंद दिन बाद अपनी ओरत को तलाक दे देते हे
३. चार शादी करते हे, ५-६ बच्चे पेदा करते हे
४. हिंदु या दुसरे धर्म से नफरत करते हे
५. एक शब्द जो अभी अभी सोश्यल मिडिया ओर न्यूज़ चेनलो पे सुनने को आया "हलाला"
सबसे पहले बात करते हे "हलाला" ये शब्द पहली बार सोश्यल मिडिया ओर न्युज मिडिया पे सुना ..... मेने इस्लाम की सिलसिलेवार तालिम ली हे मेरी तालिम मे ये शब्द कभी नही सुना था ओर इसका अर्थ भी पता नही था यहा तक के मुसलिम देशो मे भी इस शब्द के बारे किसी को पता नही यानि दुष्प्रचार के लिए एक नया शब्द इसकी एक्जेक्ट मिनिंग मुझे अभी भी पता नही
अब मुसलिम ओरतो पे जुल्म करते हे, तलाक दे देते हे, बहुत सारे बच्चे पेदा करते हे .... मेने जब इन तीनो तथ्यो पे अध्ययन किया तो लगा एक तरीके से ये प्रचारित किया हे ताकी हिंदु जनरेशन को कुछ कट्टर उनकी परवरिश के साथ मुसलमान से दुरी ओर नफरत पेदा कर सके
दोस्तो सबसे पहले मेने अपने पुरे खानदान मे देखा मेरे परदादा से लेकर मेरे परचाचा मामा , बुआ ओर उनके सभी खानदान मे तो पता चला हमारे खानदान मे किसी ने एक से ज्यादा शादी नही की सबकी एक पत्नी हे, किसी का भी अभी तक तलाक नही हुआ इतनी शादिया हुई सभी अपनी जिंदगी मे खुश हे किसी के भी दो से ज़्यादा बच्चे नही पुराने लोगो के थे वो यो दुसरे समुदाय मे भी होते थे पर हमारे पुर्व हमारे ओर नयी जनरेशन एक या दो ही बच्चे हे मेने सोचा शायद मेरा खानदान एसा हो दुसरी जगह देखेे..... पर पुरे मोहल्ले मे यहा तक के पुरे शहर के कयी मुसलिम परिवारो का देखा एक वाईफ एक या दो बच्चे पुरे शहर मे एक दो तलाक के केस वो भी तीन तलाक के जरिए नही बल्की ४ साल बाद तलाक मिला जब घरवाले समझा के हार गये उसमे से भी अधिकतर लडकी के घरवालो ने लिया हे
अब हिंदु दुसरे धर्म को पसंद नही करते.... तो यह बात तो कुरानशरीफ की इस आयत (लकुम दिं लकुम )से साबित हो जाता हे के ये गलत मिथ्या बना रखा हे ....ये आयत मे खुदा ने फरमाया हे के हर कोम मेरे पास अपना दीन लेकर आयेगी ओर नबी मोहम्मद की जीवनी से पता चलता हे के आप उस यहुदी महिला की तबियत पुछने गये जो आप पे कचरा डालती थी तो इस्लाम की तालिम मे दुसरे मज़हब की मोहब्बत हे..... ओर देखने मे भी आता हे ....सोश्यल मिडिया की दुनिया से बाहर निकले तो देश मे हिंदु मुसलिम मोहब्बत से रहते हे एकदुजे के त्योहार मनाते हे जुलुस ओर सवारी का स्वागत करते हे देश मे हिंदु उदार सद्भावी सोच रखता हे तो मुसलिम भी मोहब्बत ओर सौहार्द को महत्व देता हे.... तो एसा दुष्प्रचार किये जाने का कारण क्या हे????? क्या आने वाले वक्त मे हमारे बच्वो को मोहरा बना के कोई खेलना चाहाता हे जेसे चंद बच्चे को नफरत की भट्टी मे झोंक दिया आज आप देखिए सोश्यल मिडिया मे कीसी भी पोस्ट पे कोई ज़हरीली बात लिख के डाल दे प्रतिक्रिया मे गाली गंदे शब्द जहरीले लफ्ज़ो की बाढ आ जाएगी हम सभी को अपने बच्चो को एसे चल रही योजनाओ से दुर रखना जरुरी हे वरना जो विभत्स रुप सोश्यल मिडिया पे हे वो कब समाज मे दाखिल हो जाए पता भी नही चलेगा ..... इस पोस्ट पर आप अपनी प्रतिक्रयाए दे सकते हे