लोकतंत्र में क्या उचित है और क्या अनुचित है इसका फैसला कौन कर रहा है?विपक्ष का कार्य हमारे देश में हमेशा सत्तापक्ष का विरोध करना रहा है,और ऐसा ही चल रहा है,सभी पार्टीज देश हित की बात करती है परन्तु वे वास्तव में कितनें देश हितों के लिये तत्पर हैं ये वे ही जानते है,लोकतंत्र का मंदिर संसद आज विपक्ष की वज़ह से ठप्प कहा जा रहा है तो पूर्व में हमारे मनमोहन सिंह जी के कार्यकाल में बीजेपी वालों ने भी संसद ठप करने में कोई भी संकोच नहीं किया था ,काश इन्होने देश हित में बतायें जा रहे बिल जैसे जीएसटी,आधार कार्ड इत्यादि को कोंग्रेस को सहयोग करके ही पास करवा दिया होता ,तो देश की जनता के समक्ष एक अच्छा उदहारण रखा होता .