कांग्रेस ये बात जानती थी कि देश में अगर उन्हें किसी से खतरा हे तो वो हे मोदी, मोदी को मुस्लिमों में बदनाम करने के लिए लगातार 14 सालों तक उन्होंने एक अभियान चलाया,कैसे भी करके मोदी को अपराधी बताने के लिए उन्होंने सभी नियम कायदे ताक में रख दिए..देश कि तमाम जाँच दल झोक दिए गये, झूठे मुकदमों में फँसाया..यहा ताक कि मोदी कि पार्टी वाले तक उनसे किनारा करने लगे..मोदी हमेशा कि तरह अविचलित हुए अपना काम करते रहे..लगातार तीन बार वो गुजरात के मुख्यमंत्री बने..और उन्होंने गुजरात में कांग्रेस को जड़ से उखाड़ फेका..उसके बाद जब लोक सभा में मोदी जी ने अपना जलवा दिखाया तो अशम्भव को संभव कर दिया..अब तो मोदी इनकी आँखों कि किरकिरी बन गए..कैसे भी मोदी को बदनाम करने का एक अभियान फिर छेड़ा गया..उसमें वो सभी दल समिल होगए जो मोदी के सताये हुए थे..बुधिजिवियो कि भी मदद ली गयी..कुछ मोदी विरोधी मुस्लिम भी साथ हो लिए..ईसा माहौल बनाया गया जैसे हमारे देश सीरिया..इराक.या ईरान हो गया हो,? जहां कत्लेआम मचा हो ?..चारों और मारो काँटों का शोर हो ? जिसमे मुस्लिमों का कत्लेआम हो रहा हे? जब कि देश में ऐसा कुछ भी नही था..अब ओबेसि कि बात की जाएँ..वर्ताम में कई राज्नितिक दलों ने देश को वोट बैंक में बात रखा हे..दलित, मुस्लिम, पिछड़े,के वोटों पर कई दलों कि नजरें होती हे और इनका वोट हथियाने के लिए ये लोग कुछ भी कर सकते हे,,कुछ भी बोल सकते हे.फिर चाहे उसकी कुछ भी प्रितिक्रिया हो उन्हें इससे कोई सरोकार नही..अब दलित वोट बैंक को मायावती अपनी जागीर मानती हे..देश में कही भी दलित के साथ कुछ अप्रिय हुआ तो उनका विलाप आरंभ हो जाता हे..उन्हें डर होता हे कि और कोई उनके वोट बैंक में सेंध लगा दे.. मुस्लिमों के लिए प्राय ऐसा नही हे..उसके तो सभी शुभचिंतक हे.ऐसे में एक और मुस्लिम वोटों का सौदागर खड़ा हो गया हे..और उनका सोचना हे कि में देश को जितना कोसुंगा उसका मुकझे उतना राज्नितिक लाभ होगा..वो राजनीति चम्काने के लिए देश का कितना नुकसान कर रहे हे..देश के लोग जो पहले से ही जात बिरादरी देखकर वोट करते हे उसे ये और मज़बूती दे रहे हे..और देश का भाईचारा खत्म करना चाह रहे हे..इनका दोष नही हे दोष तो उन सबका हे जो इसी तरह कि राजनीति करते हे..और सत्ता तक पहुँच जाते हे..