कैसे इन दो नेतओ के आपसी मतभेद में या लड़ाई में या सत्ता के लालच में बिहार का कैसे कलायन होगा, 3 लाख करोड़ की तो बात हो रही हैं पर हमे तो ये ही नही समझ में आ रहा है कि ये पैसे कहाँ से आएगा कौन देगा ओर कहाँ खर्च होगा, इसका विव्ररन तो जनता को बताये, ये सब को पता है कि नेता कोई भी ना तो अटल बिहारी भज्पये, या ना तो लाल बहादुर शास्त्री बन के तो नही हैं ओर ना ही पटेल जी के तरह जिंदगी बिताने वाला नेता है, इस स्थिति में जनता का कैसे कल्याण होगा , बिहार के जनता भी तो वैसे ही है कि अछे बुरे के ध्यान भी तो नही देतेहैं ना हैं ऐसे लोगो के सही से पहचान पाते हैं ये लोग क्या देखेगें इसे तो भगवान ही मालिक हैं बस वहाँ के बाबुओं जेब भरन चाहिए, साथ ही वहाँ के लोकल गुंद्दा के पास तिकेदरि दे कर उसके जेब भरेंगे अगर ये सच्चाई नही है तो बिहार के जनाता के ये हॉल थोड़ी ना होता