1. तथाकथित बुद्धिजीवी यह मानते हैं कि असंवेदनशील, अनपढ़ या कम बुद्धि के लोग ही आतंक की राह पर चलते हैं। ओसामा बिन लादेन या प्रभाकरण क्या गरीब या अनपढ़ थे? दरअसल, बुद्धिमान होना अपने आप में एक बड़ा आतंक है। भारत में तो ऊंचे ओहदे पर बैठे, समृद्ध, सफल लोग, तथाकथित पत्रकार, साहित्यकार, कम्युनिष्ट या टीवी पर बहस में शामिल लोगों को बुद्धिमान समझा जाता है। आप इनकी बहस सुनिए... अंधा-अंधा ठेलिए दोनों कूप पड़ंत। ये सभी लोग मिलकर देश को खतरनाक रास्ते पर ले जाने में लगे हुए हैं।