देश के अधिकांश राजनीतिक दल अपने को धर्मनिरपेक्ष कहते नही थकते, उनकी ये धर्मनिरपेक्षता सिर्फ़ एक वर्ग विशेष के हितों के लिए भी होती हे, वो ये भूल जाते हे कि उनकी वे विषैली राजनीति देश कि सुरक्षा के लिए भी खतरा बन सकती हे, और बैंक भी रही हे,,अभी याकूब मेनन कांड में येहि हो रहा हे,एक अपराधी जिसने देश कि ओधोगिक राजधानी मुंबई में बम ब्लास्ट में बड़ चढ़ कर हिस्सा लिया उसमें क़रीब 257 लोग मारे गए, सैकड़ों घायल हुए, करोड़ों रुपये कि संपत्ति का नुकसान हुआ..देश कि सुप्रीम कॉर्ट ने उसे अपराधी मन कर फाँसी का हुक्म दिया..देश के सभी तथाकथित ''धर्म निरपेक्ष'' दल उसके समर्थन में खड़े हो गए कुछ सामने तो कुछ दल पर्दे के पीछे से सुप्रीम कॉर्ट के फैसले को बदल दिए जाने कि गुहार करने लगे.क्योकि उन्हें भी तो अपने ''वोट बैंक'' के सामने वोट लेने जाना हे..ये हे देश कि राजनीति का स्तर ? जब तक देश के लोग पाकिस्तान के विरुद्ध एक नही होंगे..एकमत नही होंगे..तब तक किसी भी कार्यवाही का समर्थन देश के सभी वर्ग, नही करेंगे..दुश्मन के हौसले यु ही बुलंद होते रहेंगे..और वो यु ही गिन्नोनि हरकतें करता रहेगा..देश के जनमत का बटा होना..हमारी ही कमजोरी दर्सता हे..मेरी विनंति हे पहले एक होइये फिर दुश्ममन को लल्कारो..जय हिंद