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टिप्पणियां

महेश गुप्‍ता

भाषा किसी भी देश की अस्मिता, उसकी संस्‍क़ति की पहचान होती है। प्रत्‍येक देश का फर्ज अपनी भाषा को आगे बढाना होता है। लेकिन भारत जैसे उदारशील देश में अभी भी कुछ लोग अंग्रेजी अथवा अंग्रेजों के मानसिक गुलाम बने हुए हैं। हिन्‍दी को भारत में बढावा नहीं मिलेगा तो क्‍या लंदन में मिलेगा। अंग्रेजींदा लोग देश की संस्‍कति से अनजान है। क्‍या देश की बहुसंख्‍यक जनता को समझाने के लिए अंग्रेजी को देवनागरी लिपि में लिखा जा सकता है।आज लिपि बदलने की बात कर रहे हैं आगे भाषा को छोडने की बात करेंगे। देश में कोई भी पूरी तरह अंग्रेजींदा व्‍यक्ति भी पूरे दिन बिना हिन्‍दी का प्रयोग किए नहीं रह सकता। अब बहुत दिन बाद मोदी सरकार आने से हिन्‍दी के भी अच्‍छे दिन आ रहे हैं, देश ने दिखाया है कि भाषा की ताकत क्‍या होती है, तथाकथित अंग्रेजींदा नेता घर आराम कर रहे हैं। सलाह है कि अंग्रेजी का एक उपन्‍यास देवनागरी लिपि में भी लिखे, देश की ज्‍यादा जनता उसे पढेगी।
X REPORT ABUSE Date 19-01-15 (05:45 PM)

पूर्विक जैन

यह एक बचकानी बात है. कल को दुनिया में समलैंगिक रिश्ते बढ़ेंगे तो ऐसे बुद्धिजीवी कहेंगे की विवाह नहीं करना चाहिए लिव-इन रिश्ते मिएँ ही रहना चाहिए तो क्या यह तर्क भी माना जाएगा.. हिंदी भाषा में कई शब्द ऐसे होते हैं जिन्हें अंग्रेजी में लिखना भ्रमित हो सकता है जैसे : कल या काल, काला या कला, क या च, ष, श, आदि.. यह ऐसा प्रतीत होता है कि ख़ुद चेतन भगत को हिन्दी नही आती मगर हिन्दी का मोह उन्हें दुविधा में दल रहा है कि वो देवनागरी सीखे या रोमन में हिन्दी लिखे... यह लेखक का (चेतन भगत) का अपना विचार हो सकता है...इसे अपनाने या लादे जाने कि आवश्यकता नहीं होनी चाहिए. एक समृद्ध भाषा को इस तरह अपमानित करने से पहले चेतन को यह सोचना चाहिए था कि क्या अंग्रेजी को हिन्दी में लिख सकते हैं ? किसी भाषा कि लिपि बदलना उस भाषा के मूल से खिलवाड़ अथवा उसकी पहचान मितना है.. हिन्दी को खत्म करने कि साज़िश है.. आज आप लिपि बदलेंगे कल धीरे-धीरे भाषा ही बदल देंगे.
X REPORT ABUSE Date 16-01-15 (09:10 PM)

Dinesh Dewangan

koi beech ka rasta nikalna chaahiye taaki aadhunik proudyouki se samanjasya kar sake.
X REPORT ABUSE Date 16-01-15 (07:43 PM)

Chander Lal

Kyon bhai, Hindi me kya kmi h. Puri ki puri developed bhasha h aur hmare desh ki pehchan h.
X REPORT ABUSE Date 15-01-15 (11:08 PM)

SARSIJ KANT TRIPATHI

नही, हिन्दी को सिर्फ़ देवनागरी लिपि में ही लिखना चाहिए . सब को हिन्दी का सम्मान करना चाहिए,क्यूँकि हिन्दी कि एक अलग pahchaan है और वो पह्चन उससे कोई नही चइन सकता हैहिन्दी को हिन्दी ही रहने दिया जाए,ना उसमें रोमन लिपि को जोड़ा जाया ना देवनागरी को खत्म किया जाए, आज भी हिन्दी वो भाषा हे जो देश के सबसे ज्यादा बोली वा समझी जाती हे,इसलिए हिन्दी के साथ किसि भी तरह कि छेड़छाड़ ना कि जाए..
X REPORT ABUSE Date 13-01-15 (09:25 PM)

Rakesh Bhatt

Namaskar, Hame adhyyan, manan, chintan v lekhan Hindi Devnagri me hi karna chahiye, dikkat yah he ki uske prasar ke liye jab hum vibhinn prkar ki taknik ka upyog karte he un sabhi taknik ka farmet alag-alag rahta he kya aap Devnagri ka proyog karte huve nichit kar sakte he ki usme shabd matra truti nahi hoti, isliye sujhav he ki jab tak koyi nishchit truti vihin Hindi Devnagri taknik nahi ati tab tak roman lipi ka bhi prayog kiya ja sake kam se kam likhne v padne me truti na ho.
X REPORT ABUSE Date 12-01-15 (12:05 PM)

santosh kumar

नही, हिन्दी को सिर्फ़ देवनागरी लिपि में ही लिखना चाहिए . सब को हिन्दी का सम्मान करना चाहिए
X REPORT ABUSE Date 11-01-15 (08:35 PM)

Akshay

नही क्यूँकि हिन्दी कि एक अलग pahchaan है और वो पह्चन उससे कोई नही चइन सकता है
X REPORT ABUSE Date 11-01-15 (08:07 PM)

D.B.S. SENGAR

हिन्दी को हिन्दी ही रहने दिया जाए,ना उसमें रोमन लिपि को जोड़ा जाया ना देवनागरी को खत्म किया जाए, आज भी हिन्दी वो भाषा हे जो देश के सबसे ज्यादा बोली वा समझी जाती हे,इसलिए हिन्दी के साथ किसि भी तरह कि छेड़छाड़ ना कि जाए...
X REPORT ABUSE Date 10-01-15 (02:28 PM)

shankar lal yogi

हिन्दी को हिन्दी ही रहने दिया जाए,ना उसमें रोमन लिपि को जोड़ा जाया ना देवनागरी को खत्म किया जाए, आज भी हिन्दी वो भाषा हे जो देश के सबसे ज्यादा बोली वा समझी जाती हे,इसलिए हिन्दी के साथ किसि भी तरह कि छेड़छाड़ ना कि जाए...
X REPORT ABUSE Date 11-01-15 (01:25 PM)