निर्भया बलात्कार कांड के दो सालों बाद भी देश में कुछ भी नही बदला हे,आज भी देश के हर कोने से बलत्कारो कि गूँज सुनाई दे रही हे,ना बलात्कारी किसी अबोध बालिका को बक्श रहे हे ना किसी बुजुर्ग महिला को, देश के राजनेता भी एक दुसरे पर दोशारोपड़ कर अपनी जिम्मेदरि पुरी कर रहे हे, सामाजिक मानव संगठन भी कल कि तरह आज भी कैंडल परेड कर रहे हे,कही भी तो कुछ नही बदला हे, बदला हे तो लड़कियों और महिलाओं मेंबद्ताभय का माहौल, देश कि महिलाये आज भी कल कि ही तरह ही असुरक्षा के माहौल में जी रही हे और उन्हें इस भय से मुक्ति का किसी के भी पास कोई गंभीर निदान नजर नही आ रहा हे,