इस लेख के लिए टिप्पणियाँ बंद हो गयी है..

टिप्पणियां

karuna jha

ओक
X REPORT ABUSE Date 31-03-14 (09:33 AM)

D B S SENGAR

सारांश में कहा जाए तो अब ना वो गीत लिखने वाले रहे, ना अब वो संगीत बजाने वाले रहे,अब ना वो गाने वाले रहे और ना ही अब वो सुनने वाले रहे/
X REPORT ABUSE Date 11-03-14 (03:01 PM)

D B S SENGAR

हमारी फिल्मी दुनिया में फ़िल्म के साथ गीतो का अपना ही रुतबा हुआ करता था फ़िल्म के गीत कहानी को आगे बदाने में एक सहायक का काम करते थे, पात्र अपनी बात गीत के जरिये बड़े ही सटीक तरीके से कह दिया करता था,उन दिनों फिल्मी गीतो के रचियता सेलेंद्र, साहिर,मजरूह,कैफी आजमी,इंदीवर,शकील बदायुनि,जैसे अपनी विधा के धुरंधरों का युग था,दूसरी बात उस समय के गीतो को अमर बनाने में संगीतकारों का भी अहम् रोल हुआ करता था, अब के गीतो में वो माधुर्य नही रहा,अब का संगीत सुनना पड़े तो वो एक सजा से कं नही जान पड़ता,गीतो कि लोकप्रियता भी कुछ दिनों तक सिमट कर रह गयी हे
X REPORT ABUSE Date 11-03-14 (02:54 PM)

Ajay Pundir

ये पहली बार नही है जब इस तरह के गाने अयार है. ये मौसम कि तरह आते जाते रहते है. अगर आपको याद हो तो 90 के दशक में भी इस तरह के गानों कि भरमार हो गई थी थी लेकिन थोड़े समय बाद बंद हो गए अब ये फिर आयें है यकीन रखिए फिर बंद हो जायेंगे. इनका जितना विरोध करोगे. इन्हे लिखने वाले और शालीनता को पिछ्दपन बताने वाले तथाकथित बुद्धिजिवि आप के खिलाफ मोर्च खोल लेंगे और आपको आपकी सोच संकुचित होने का एहसास कार्य जायेगे. साथ ही गाना लिखने वालों कि रचनात्मकता कि तारीफ कि जयेगि. अच्छा है थोड़ा सब्र रखा जाएँ मेरा पूर्ण विश्वास है थोड़े समय में ही जनता इन गानों से बोर हो जयेगि.
X REPORT ABUSE Date 11-03-14 (11:01 AM)