देश में एक चाप्लुस वर्ग हे जो हमेशा सिर्फ़ एक रज्नितिक परिवार को महिमामंडित करने में लगा रहता हे,बात अगर बलिदान कि हे तो क्या सिर्फ़ इस परिवार ने बलिदान किया हे देश कि आजादी में अनगिनत लोगो ने और उनके परिवारों ने अपना सब कुछ गँवा दिया,उन्हें तो बदले में कुछ भी नही मिला और दुसरे उन्होंने कभी इसके लिए याचना भी नही कि जबकि नेहरू गाँधी परिवार,जब जब चुनाव होते हे हर बार उन बलिदानो कि कीमत वसूलने खड़े हो जाते हे,आख़िर कब तक हिंदुस्तान उन बलिदनो का कर्ज़ चुकाता रहेगा?