देश में हाल ही में किए गए सभी जनमत संग्रह में मोदी जी देश के सबसे लोकप्रिय नेता के रूप में उभरे हे, और मोदी जी के बाद दुसरे अन्य नेता उनसे बहुत ही पीछे हे, उन्हें 'युवाओं' ने अपनी पहेली पसंद बताया हे, ऐसे में उनकी ही पार्टी के वरिष्ठ सदश्य आडवाणी जी का उनके नाम पर सहमत ना होना कष्टकर हे, वैसे भी आडवाणी जी अपनी पारी खेल चुके हे, मेरी सलाह हे उन्हें अब दुसरे लोगो को भी मौका देना चाहिए, अगर उन्हें ये संसय हे कि आगामी विधान सभा चुनावों में मोदी जी के नाम का ऐलान हानिकारक रहेगा तो ये उनका सिर्फ़ भ्रम हे, जबकि मोदी जी के नाम पर राज्यों के चुनाव में भी युवाओं के मतों का फाय्दा ही होगा,