यह दुर्भाग्यपूर्ण है किहमरा देश मानसिक रूप से ग़ुलाम है.किसी भी देश मैं जाकर देखेय सब अपनी इक ही भाषा बोल्तेय है!! हम ही हिन्दी को बोल्!ने मैं हिचकते हैं.!
as per my best 'knowledge' English is only our official and acceptable language hence no requirement of Hindi right now. you can confirm the same from our pm or madam
हिन्दी समाज के संपन्न (एलीट) वर्ग की भाषा नहीं है | समाज का गरीब एवं कमज़ोर वर्ग भी संपन्न (एलीट) बनना चाहता है, जिसके लिए हिन्दी नहीं, बल्कि अँगरेजी की आवश्यकता होती है | इसीलिये हिन्दी के प्रति नई पीढी क्ा रुझान कम हो रहा है |